India vs Pakistan: एशिया कप 2025 में 14 सितंबर को दुबई में खेले जाने वाले भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। जहां एक ओर विपक्षी दल इस हाई-वोल्टेज मुकाबले पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
“बहुपक्षीय टूर्नामेंट में खेलना कोई समस्या नहीं” – उमर अब्दुल्ला
पीटीआई से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमारी आपत्ति हमेशा द्विपक्षीय सीरीज को लेकर रही है, न कि बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में होने वाले मैचों पर। अगर भारत और पाकिस्तान एशिया कप या विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में आमने-सामने आते हैं, तो यह एक अलग संदर्भ है।” उन्होंने यह भी कहा कि, “क्रिकेट अक्सर राजनीति का शिकार हो जाता है, खासकर भारतीय उपमहाद्वीप में। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर पिछले तीन दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा है। हाल ही में पहलगाम में जो घटना हुई, वह हमारी असली चिंता है।”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का भी आया बयान
उधर, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “जब बहुपक्षीय टूर्नामेंट जैसे एशिया कप या आईसीसी वर्ल्ड कप आयोजित होते हैं, तो सदस्य देशों के लिए खेलना अनिवार्य होता है। अगर कोई टीम खेलने से मना करती है, तो मैच छोड़ना पड़ता है और अंक विपक्षी टीम को मिल जाते हैं।” ठाकुर ने स्पष्ट किया कि भारत अब भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज खेलने के पक्ष में नहीं है, जब तक कि पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।
भारत-पाक क्रिकेट बनाम राजनीति
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट हमेशा से ही खेल से कहीं ज्यादा रहा है – यह राजनीति, कूटनीति और जनभावनाओं से गहराई से जुड़ा विषय बन चुका है। एशिया कप या विश्व कप जैसे मंचों पर जब ये दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं, तो दर्शकों की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं।
हालांकि, सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे को लेकर भारत सरकार और क्रिकेट बोर्ड का रुख साफ है – कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में मुकाबले से परहेज़ नहीं।
क्या कहती है जनता और विशेषज्ञ?
सोशल मीडिया पर इस विषय को लेकर तीखी बहस जारी है। कुछ लोग उमर अब्दुल्ला के बयान को “व्यावहारिक और संतुलित” बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे “राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित” करार दे रहे हैं। क्रिकेट विशेषज्ञों का भी मानना है कि बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में खेलना एक कूटनीतिक दायित्व होता है और इसमें भाग लेना मजबूरी है।
भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर सियासत फिर से गरमा गई है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि एशिया कप जैसे बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में इन मुकाबलों से बचना आसान नहीं। उमर अब्दुल्ला और अनुराग ठाकुर दोनों ने अपनी-अपनी बातों में एक बात स्पष्ट की है – द्विपक्षीय सीरीज अलग बात है, लेकिन टूर्नामेंट की बाध्यता अलग।
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