UP International Trade: उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हैं। ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 (UPITS-2025) के उद्घाटन के बाद एक ओर जहां केंद्र सरकार इसे आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को गति देने वाला कदम बता रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इस पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कार्यक्रम को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में असली विकास तभी होगा जब यह सरकार हटेगी। केवल ट्रेड शो और इवेंट्स से जनता का भला नहीं होने वाला।”
जीएसटी को लेकर भी साधा निशाना
अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के नए जीएसटी स्लैब को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “सरकार को यह समझने में पूरे नौ साल लग गए कि जीएसटी ने व्यापारियों और आम लोगों को परेशान किया है। अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो जनता को राहत देने का नाटक किया जा रहा है।”
भ्रष्टाचार पर गंभीर आरोप
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में भाजपा ने भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हर विभाग में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हैं। लेकिन जनता का ध्यान भटकाने के लिए क्रीम-पाउडर की कीमतों में दो रुपये की कमी जैसे प्रचार किए जा रहे हैं।”अखिलेश यादव ने भाजपा पर जनता को “उलझाने और भरमाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि “बीजेपी सरकार योजनाओं के नाम पर सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट कर रही है, असली ज़मीनी बदलाव नहीं हो रहा है।”
पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 का उद्घाटन किया। यह भव्य आयोजन इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में हो रहा है, जिसका उद्देश्य यूपी के व्यापार, उद्योग और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच पर ले जाना है।प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि “यह ट्रेड शो न केवल उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूती प्रदान करेगा।”
जहां एक ओर केंद्र और राज्य सरकार यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो को विकास की दिशा में बड़ा कदम मान रही है, वहीं विपक्ष इसे ‘प्रचार का साधन’ बता रहा है। अखिलेश यादव के बयानों से साफ है कि आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक टकराव और तीखा होने वाला है। ऐसे में जनता की निगाहें अब इस पर टिक गई हैं कि इवेंट्स से इतर ज़मीनी बदलाव कब देखने को मिलेगा।
