Pope Francis Passes Away:ईसाई समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनका निधन वेटिकन सिटी में स्थित उनके निवास कासा सांता मार्टा में सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को हुआ। पोप फ्रांसिस पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार थे। उन्हें हाल ही में फेफड़ों की बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। साथ ही उनके गुर्दे की कार्यक्षमता भी धीरे-धीरे कम हो रही थी। इससे पहले 2021 में भी उन्हें रोम के जेमेली अस्पताल में 10 दिनों के लिए भर्ती कराया गया था।
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करोड़ों ईसाइयों में शोक की लहर
उनकी मृत्यु की खबर से पूरी दुनिया के करोड़ों ईसाइयों में शोक की लहर दौड़ गई है। दुनियाभर के नेता और श्रद्धालु उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जिन्होंने 20 अप्रैल 2025 को वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी, ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “कल पोप से मिला, वे बीमार थे, लेकिन कोविड काल की उनकी वह प्रेरक उपदेश हमेशा याद रहेगा।”
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उपराष्ट्रपति वेंस के साथ निजी मुलाकात
वेटिकन ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि पोप फ्रांसिस ने ईस्टर रविवार को उपराष्ट्रपति वेंस के साथ कुछ मिनटों की निजी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया था। यह उनकी मृत्यु से एक दिन पहले की अंतिम सार्वजनिक गतिविधि मानी जा रही है।
सहानुभूति और सामाजिक न्याय के लिए जाना जाता था…
पोप फ्रांसिस को उनके सादगीपूर्ण जीवन, करुणा, गरीबों के प्रति सहानुभूति और सामाजिक न्याय के लिए जाना जाता था। वे अक्सर पर्यावरण संरक्षण, धार्मिक सहिष्णुता और शरणार्थियों के अधिकार जैसे मुद्दों पर मुखर होकर बोलते थे। उनके नेतृत्व में कैथोलिक चर्च ने समावेशी दृष्टिकोण को अपनाया और वंचितों की सेवा को प्राथमिकता दी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांसिस के निधन पर शोक किया व्यक्त
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हिज होलिनेस पोप फ्रांसिस के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्हें हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा।”

