Palestine Statehood: पुर्तगाल का ऐतिहासिक फैसला, फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने की तैयारी, लुइज़ मोंटेनेग्रो ने की घोषणा

Chandan Das
Partugal

Palestine Statehood:इजराइल-हमास संघर्ष के बीच फिलिस्तीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। पुर्तगाल ने भी अब फिलिस्तीन को “स्वतंत्र राष्ट्र” के रूप में मान्यता देने की घोषणा कर दी है। देश के प्रधानमंत्री लुइज़ मोंटेनेग्रो ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम न्याय, मानवाधिकार और शांति प्रक्रिया को সমর্থন देने के लिए उठाया गया है। पुर्तगाल के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, “रविवार को फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से राष्ट्र का दर्जा दिया जाएगा।” बताया गया कि यह फैसला प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति और संसद से विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।

बढ़ते अंतरराष्ट्रीय समर्थन की लहर

इससे पहले कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम भी फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं। जुलाई में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने यह घोषणा की थी। फ्रांस और ब्रिटेन ने गाजा में युद्धविराम की शर्त पर समर्थन की बात कही थी। ब्रिटेन ने यह स्पष्ट किया था कि 7 अक्टूबर को बंधकों की रिहाई, हथियार छोड़ने और हमास द्वारा गाजा के प्रशासन से पीछे हटने की शर्तें पूरी होने पर ही यह मान्यता दी जाएगी।

इजराइल की कार्रवाई और गाजा की स्थिति

गौरतलब है कि इजराइल द्वारा गाजा में लगातार की जा रही सैन्य कार्रवाई ने पूरे क्षेत्र को तबाही के कगार पर पहुंचा दिया है। हजारों लोगों की मौत और व्यापक तबाही के बाद गाजा को अब एक “मानवता का कब्रगाह” कहा जा रहा है।इसी बीच अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाजा को फिर से बसाने के लिए 20 लाख लोगों को अस्थायी रूप से मिस्र और कतर जैसे देशों में भेजने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस बहुप्रतीक्षित “पुनर्निर्माण योजना” को अमलीजामा पहनाने में करीब चार साल का समय लग सकता है।

विस्थापितों को मिल सकती है सहायता

इस योजना के तहत गाजा से विस्थापित हुए लोगों को भाड़ा भत्ता, डिजिटल टोकन, नकद सहायता और एक साल तक भोजन मुहैया कराया जाएगा। हालांकि, यह प्रस्ताव मानवीय दृष्टिकोण से जितना व्यापक लगता है, उतना ही विवादास्पद भी है, क्योंकि यह एक बड़े पैमाने पर जनसंख्या विस्थापन का संकेत देता है। पुर्तगाल का यह निर्णय एक ऐसे समय में आया है जब वैश्विक स्तर पर फिलिस्तीन के मुद्दे को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ गई है। यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों में बढ़ते जन दबाव के बीच फिलिस्तीन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने की मुहिम तेज हो रही है।

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