Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है, लेकिन प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है। ऐसे साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं, जो कि महादेव को समर्पित है।
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इस दिन भक्त भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। पंचांग के अनुसार आज यानी 8 जून को ज्येष्ठ माह का आखिरी प्रदोष व्रत किया जा रहा है। ऐसे में हम आपको पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

प्रदोष व्रत की तारीख
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि इस साल 8 जून दिन रविवार को पड़ रही है। रविवार को प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है।
8 जून को सुबह 7 बजकर 17 मिनट से ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ हो रहा है और 9 जून को 9 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार रवि प्रदोष व्रत आज यानी 8 जून को मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
आज रवि प्रदोष व्रत के लिए शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 7 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 19 मिनट तक है। इस दिन पूजा के लिए कुल 2 घंटे 1 मिनट का समय भक्तों को प्राप्त हो रहा है। इस मुहूर्त में शिव साधना करने से भक्तों को महादेव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
पूजा विधि और मंत्र जाप
रवि प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर पूजा स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करें। इसके बाद पूजा स्थल पर शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद इनकी विधिवत पूजा करें।
इस दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करें। फिर शिवलिंग पर दूध, दही, घी, गंगाजल अर्पित करें। बाद में बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं। इसके बाद शिव के मंत्रों का भक्ति भाव से जाप करें माना जाता है कि ऐसा करने से महादेव की असीम कृपा बरसती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
