Pradosh Vrat: सावन का दूसरा प्रदोष व्रत कब? जानें दिन तारीख और मुहूर्त

जो कि महादेव की साधना आराधना को समर्पित है। इस दिन भक्त भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं माना जाता है

Nivedita Kasaudhan
Pradosh Vrat
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Pradosh Vrat: सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि महादेव की साधना आराधना को समर्पित है। इस दिन भक्त भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं माना जाता है, कि ऐसा करने से महादेव की असीम कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।

पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना जा रहा है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से शिव की असीम कृपा बरसती है और दुखों का निवारण हो जाता है। ऐसे में हम आपको सावन के दूसरे प्रदोष व्रत की तारीख, मुहूर्त और अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।

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सावन का दूसरा प्रदोष व्रत

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पंचांग के अनुसार सावन त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 8 मिनट पर होगी वहीं इसका समापन 7 अगस्त को 2 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 6 अगस्त को 7 बजकर 8 मिनट से लेकर 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में भक्त भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर सकते हैं।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

सावन के दूसरे प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें और मंदिर को गंगाजल से पवित्र करें। अगर व्रत रखने जा रहे हैं तो हाथ में गंगाजल, पुष्प और अक्षत लेकर उसका संकल्प करें।

शाम के वक्त घर के मंदिर में गोधूलि बेला में घी का दीपक जलाएं भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार का ध्यान करते हुए श्रद्धा भाव से पूजा करें। प्रदोष व्रत के दिन कथा जरूर सुनें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें। भगवान के मंत्र ॐ नमः शिवाय जाप जरूर करें। माना जाता है कि इस विधि से पूजा पाठ करने से प्रभु की कृपा बरसती है।

प्रदोष व्रत पूजा सामग्री

आपको बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन पूजा की वैसे तो कई चीजें होती हैं लेकिन दूध, शहद, अक्षत, लाल और पीला गुलाल, फल, पुष्प और सफेद मिठाई, आसन, सफेद चंदन, कलावा, बेलपत्र, भांग, धतूरा, धूपबत्ती, घी, प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक, नए वस्त्र, शिव चालीसा, शंख, घंटा, हवन सामग्री शामिल करें।

SHIV
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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