Prashant Kishor Rejects Security Cover: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने है जिसको लेकर राज्य में सियासी पारा हाई है. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है.ऐसे में जन सुराज के प्रमुख और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गोपालगंज में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें किसी भी प्रकार की निजी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बिहार की कानून व्यवस्था और जनता के भरोसे पर बड़ा भरोसा जताते हुए स्पष्ट किया कि बिहार के युवा बिना सुरक्षा के खुलेआम घूम सकते हैं, तो वे भी ऐसा कर सकते हैं।किशोर ने कहा, “अगर बिहार के युवा बिना सुरक्षा के घूम सकते हैं, तो मैं भी ऐसा कर सकता हूँ।” उनका यह बयान बिहार की वर्तमान कानून व्यवस्था पर एक महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है, जहां अक्सर सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति होती रही है।
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विपक्ष पर किया वार

प्रशांत किशोर ने विपक्षी दलों पर भी तंज कसा और कहा कि वे पिछले तीन साल से बिहार के गांव-गांव में घूम रहे हैं और किसी भी प्रकार की सुरक्षा का उपयोग नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी बिहार की जनता खुद उठाएगी। यह बयान उस समय आया है जब राजनीतिक हलकों में सुरक्षा के मुद्दे को लेकर बहस चल रही है।उनका मानना है कि बिहार की जनता इतनी जागरूक और सतर्क है कि वे अपने नेताओं की सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करती है। इसके साथ ही किशोर ने कहा कि उनकी इस पहल से बिहार में लोगों में विश्वास और सुरक्षा की भावना मजबूत होगी।
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निजी सुरक्षा से हटकर जनता के बीच खुद को रखते हैं किशोर
प्रशांत किशोर का यह कदम न केवल साहसिक माना जा रहा है, बल्कि इसे बिहार की सामाजिक-राजनीतिक स्थितियों में बदलाव की भी निशानी बताया जा रहा है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि जब बिहार के आम युवा बिना सुरक्षा के अपने काम-काज के लिए घरों से निकल सकते हैं, तो नेताओं को भी जनता के बीच खुलकर जाना चाहिए।इस तरह की सोच से प्रशांत किशोर ने यह भी संकेत दिया है कि वे जनता के और ज्यादा करीब जाना चाहते हैं और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना चाहते हैं। उनकी यह पहल राजनीतिक विश्वास को बढ़ाने वाली मानी जा रही है।
बिहार की जनता पर जताया विश्वास
प्रशांत किशोर का यह बयान बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति और जनता के प्रति भरोसे को दर्शाता है। उन्होंने खुद को जनता की सुरक्षा में रखकर एक नया राजनीतिक संदेश दिया है कि लोकतंत्र में जनता और नेता के बीच भरोसा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच होता है।आगे यह देखना होगा कि प्रशांत किशोर की यह सोच और उनकी यह पहल बिहार की राजनीति में किस तरह बदलाव लाती है और अन्य नेताओं पर किस तरह प्रभाव डालती है। फिलहाल, बिहार के युवा और जनता के बीच उनके इस विश्वास को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।