Prem Sagar Death : प्रसिद्ध सिनेमैटोग्राफर प्रेम सागर का निधन, फिल्म-टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर

Chandan Das
Prem

Prem Sagar Death :  रामायण जैसे सुपरहिट टीवी सीरियल के निर्माता रामानंद सागर के बेटे और सीनियर सिनेमैटोग्राफर प्रेम सागर अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन आज सुबह 10 बजे हुआ। प्रेम सागर फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के एक जाने-माने निर्माता और कैमरामैन थे, जिन्होंने वर्षों तक इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई। उनके निधन से सिनेमा जगत में गहरा शोक व्याप्त है। वे अपनी प्रतिभा, अनुभव और सजगता के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।

फिल्मी विरासत को आगे बढ़ाया

प्रेम सागर ने पुणे के प्रतिष्ठित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से कैमरा और फोटोग्राफी का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इसी प्रशिक्षण ने उन्हें भारतीय मनोरंजन जगत में अपना योगदान देने में सक्षम बनाया। वे अपने पिता रामानंद सागर की कंपनी ‘सागर आर्ट्स’ के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे। रामानंद सागर के नाम से जुड़ा ‘रामायण’ जैसे चर्चित सीरियल बनाने में प्रेम सागर का कैमरे के पीछे अहम योगदान रहा। उनकी सिनेमैटोग्राफी ने हर सीन को यादगार बना दिया।

पिता की विरासत को सम्मान देते हुए निभाई भूमिका

रामानंद सागर के बेटे के तौर पर प्रेम सागर ने हमेशा फिल्मों और कहानियों के माहौल में समय बिताया। उनके पिता ने ‘रामायण’ को घर-घर तक पहुंचाया, तो प्रेम ने कैमरे के जरिए इस महान कृति को जीवंत बनाया। केवल कैमरे के ऑपरेटर ही नहीं, प्रेम सागर ने प्रोडक्शन की जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया। उनकी समझ और अनुभव की वजह से ‘सागर आर्ट्स’ ने अनेक सफल प्रोजेक्ट्स बनाए और दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनाई।

इंडस्ट्री में शोक और श्रद्धांजलि की बाढ़

प्रेम सागर के निधन की खबर फैलते ही फिल्म और टीवी जगत में गहरा शोक फैल गया। कई कलाकारों, निर्देशकों और फैंस ने सोशल मीडिया पर अपनी भावुक श्रद्धांजलि दी। सभी उन्हें एक शांतचित्त, मेहनती और विनम्र इंसान के रूप में याद कर रहे हैं। प्रेम सागर के जाने से रामानंद सागर के युग का एक महत्वपूर्ण अध्याय खत्म हो गया है, जिसका असर इंडस्ट्री पर लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।

पर्दे के पीछे की अद्भुत भूमिका

हालांकि प्रेम सागर हमेशा कैमरे के पीछे रहते थे और ज्यादा सुर्खियों में नहीं आते थे, लेकिन उनका योगदान किसी से कम नहीं था। उन्होंने सिनेमा के प्रति अपनी गहरी लगन और अपने पिता की विरासत के प्रति सम्मान के साथ काम किया। उनके बिना ‘रामायण’ और सागर आर्ट्स के कई प्रोजेक्ट्स अधूरे रह जाते। प्रेम सागर ने भारतीय टेलीविजन इतिहास और वर्तमान दौर के बीच की कड़ी को मजबूत बनाया। वे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।

प्रेम सागर का निधन भारतीय सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान, मेहनत और कला की विरासत सदैव याद रखी जाएगी। वे न केवल रामानंद सागर की विरासत के वाहक थे, बल्कि अपने दम पर भी एक महान कलाकार और निर्माता साबित हुए। उनकी यादें और काम हमेशा भारतीय मनोरंजन जगत के इतिहास में चमकते रहेंगे।

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