Premananda Maharaj: प्रेमानंद महाराज का हाल ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक सेना के जवान ने महाराज से एक महत्वपूर्ण सवाल किया कि, “जब हम आतंकवादियों को पकड़ते हैं, तो क्या हमें उन्हें क्षमा कर देना चाहिए या उनके साथ कठोर व्यवहार करना चाहिए?” इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने अपनी राय रखी, जो देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
आतंकवादी व्यक्ति को बिल्कुल नहीं बख्शना
महाराज ने गुस्से से उत्तर दिया कि आतंकवादी व्यक्ति को बिल्कुल नहीं बख्शना चाहिए, न ही इन पर दया दिखानी चाहिए। उनका कहना था कि यदि ऐसे आतंकवादियों को छोड़ा जाता है तो वह समाज के लिए और अधिक घातक साबित हो सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इन आतंकवादियों का उद्देश्य केवल निर्दोष लोगों की हत्या करना और समाज में भय और आतंक फैलाना होता है। इसलिए ऐसे व्यक्तियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और को ऐसी हिंसा करने की हिम्मत न हो।
प्रेमानंद ने समाज और मानवता को बताया खतरे में
प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि न्याय और करुणा दोनों का जीवन में अपना स्थान है, लेकिन आतंकवादियों के मामले में किसी प्रकार की दया दिखाना गलत होगा। उनका मानना था कि ऐसे लोगों के लिए केवल कठोर न्याय ही उचित है, जो समाज और मानवता के लिए खतरा बने हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आतंकवादियों को छोड़ने से न केवल समाज को और अधिक संकट झेलने पड़ेंगे, बल्कि उनके द्वारा किए गए अपराधों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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आतंकवादियों को किसी भी हालात में माफ़ी नहीं मिल सकती
महाराज ने यह भी बताया कि आतंकवादियों को क्षमा नहीं की जा सकती है, क्योंकि उनका उद्देश्य केवल देश की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालना होता है। उनके अनुसार, ऐसे लोगों के लिए कठोर सजा देने से यह संदेश जाएगा कि समाज और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की हिंसा या आतंकवादी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब आतंकवाद का जवाब न्याय से दिया जाता है, तो समाज में स्थिरता और शांति बनी रहती है।
सैनिक राष्ट्र के सच्चे रक्षक
अंत में, प्रेमानंद महाराज ने सैनिकों को राष्ट्र के सच्चे रक्षक बताया और कहा कि उनका कार्य केवल युद्ध नहीं, बल्कि देश की रक्षा, सम्मान और न्याय की रक्षा करना भी है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जब सैनिक आतंकवादियों को न्याय के दायरे में लाते हैं, तो यह राष्ट्र की सुरक्षा और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होता है।