Sabarimala Temple में पूजा कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास, दर्शन करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनीं

सबरिमला मंदिर में पूजा अर्चना कर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास रच दिया है। वे दर्शन करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनीं, जिन्होंने इस पवित्र स्थल पर आशीर्वाद लिया। यह उनकी आध्यात्मिक आस्था और देश के धार्मिक सौहार्द का प्रतीक है, जो सबरिमला की परंपराओं में एक नया अध्याय जोड़ता है।

Chandan Das
Kerala

Sabarimala Temple: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को इतिहास रच दिया। वह केरल के सबरिमला मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाली भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बन गईं। राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी पारंपरिक नियमों और रीति-रिवाजों का पालन करते हुए भगवान अयप्पा के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान और नारी शक्ति की आस्था का अद्भुत संदेश दिया

हेलिकॉप्टर हादसे के डर को किया पार, आस्था से की पूजा

सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू ने एक दिन पहले खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर से यात्रा रद्द कर दी थी, लेकिन आस्था के आगे किसी भी डर को महत्व न देते हुए उन्होंने अगले दिन यात्रा पूरी की। पंपा से शिखर तक के कठिन पहाड़ी रास्ते के लिए उनके लिए विशेष चार-पहिया वाहन की व्यवस्था की गई।सबरिमला के सन्निधानम पहुंचने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने सिर पर इरुमुडिकेत्तु (Irumudikettu) यानी भगवान अयप्पा को अर्पित किए जाने वाले पूजा सामग्री के पवित्र पात्र रखकर मंदिर की सीढ़ियां चढ़ीं। मंदिर के मेलशांति (मुख्य पुजारी) ने उनके इरुमुडिकेत्तु को स्वीकार किया और विधिवत पूजा संपन्न कराई।

परंपरा और आधुनिकता के संगम का प्रतीक

सबरिमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर वर्षों से विवाद रहा है। परंपरा के अनुसार, 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में इस परंपरा को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इसके बाद से ही यह मुद्दा धार्मिक और सामाजिक बहस का विषय बना रहा है।ऐसे माहौल में राष्ट्रपति मुर्मू का सबरिमला जाकर पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है। उन्होंने मंदिर के नियमों का पालन करते हुए यह दिखाया कि आस्था और संविधान दोनों का सम्मान एक साथ संभव है।

भाजपा ने बताया ऐतिहासिक क्षण

राष्ट्रपति के इस दौरे को लेकर भाजपा ने इसे “ऐतिहासिक क्षण” बताया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान जताया है। वहीं, कई सामाजिक संगठनों ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम कहा।

राष्ट्रपति का दक्षिण भारत दौरा

सबरिमला दर्शन के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने केरल के अन्य धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया। यह उनका दक्षिण भारत का आधिकारिक दौरा था, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और धार्मिक नेताओं से भी मुलाकात की। द्रौपदी मुर्मू का सबरिमला मंदिर में दर्शन न केवल एक धार्मिक यात्रा थी, बल्कि यह भारतीय परंपरा, आस्था और नारी शक्ति के संगम का प्रतीक बन गई है। वह इस मंदिर में पूजा करने वाली देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर चुकी हैं।

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