Price Hike: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी हुई है। भारतीय सरकार ने 8 अप्रैल 2025 से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2-2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय वैश्विक तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में चल रही उथल-पुथल के कारण लिया गया है। सरकार का यह कदम घरेलू तेल कीमतों को स्थिर रखने के लिए जरूरी माना गया है, ताकि भारतीय बाजार पर विदेशी संकटों का असर न पड़े।
Read More:Multibagger Stocks:राठी स्टील एंड पावर के शेयरों में उतार-चढ़ाव, क्या इसका असर पड़ेगा बाजारों पर?
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा
नई उत्पाद शुल्क वृद्धि के बाद, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। इस बढ़ोतरी का सबसे अधिक असर उन शहरों में होगा जहां पहले ही पेट्रोल और डीजल की कीमतें अधिक हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 97 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच सकती है, जबकि मुंबई में डीजल की कीमत 95 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने का अनुमान है। इस वृद्धि से आम नागरिकों की जीवनशैली पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो पेट्रोल-डीजल पर निर्भर हैं, जैसे कि यात्री वाहन चलाने वाले लोग, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय और डिलीवरी सर्विसेज से जुड़े लोग।
LPG गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी
आपको बता दे…. इस बीच, आम जनता को एक और झटका लगने वाला है। LPG गैस सिलेंडर के दामों में भी 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब एक आम गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो गई है। उज्जवला गैस सिलेंडर की कीमत भी पहले 503 रुपये थी, जो अब बढ़कर 553 रुपये हो गई है। यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को प्रभावित करेगी, क्योंकि गैस सिलेंडर उनके लिए जरूरी वस्तु है।
Read More:Zomato COO Resigned: जोमैटो के COO रिंशुल चंद्रा ने दिया इस्तीफा, कंपनी में बड़े बदलाव की आहट
बढ़ती महंगाई से अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है असर
इस बढ़ोतरी से महंगाई की समस्या और भी बढ़ सकती है। पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों का प्रभाव पूरे अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, खासकर उन परिवारों पर जिनकी आय पहले ही सीमित है। इन फैसलों के बाद, आम आदमी के लिए दैनिक आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी और यात्रा करना महंगा हो जाएगा।
सरकार का कदम
वही वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अनिश्चितता के चलते, सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके बावजूद, बढ़ती कीमतों को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार अन्य उपायों पर विचार करेगी ताकि आम जनता पर इसका असर कम से कम हो सके।