Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत आज (सोमवार, 1 दिसंबर) होते ही हंगामेदार रही और विपक्ष के व्यवधान के कारण कार्यवाही में बार-बार बाधा पड़ी। सत्र शुरू होने से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि सदन में ‘ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए’ और विपक्ष को अपनी हार की निराशा से बाहर निकलकर अच्छी पॉलिसी और कानून पास कराने के लिए काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री के इस बयान पर अब विपक्षी दल हमलावर हो गए हैं, जिसमें कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और सपा सांसद अखिलेश यादव ने पलटवार किया है।
Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र में अहम बिल लाने के लिए सरकार तैयार! गुटखा,पान-मसाला उत्पादों पर होगी सख्ती
प्रियंका गांधी का पलटवार
बताते चले कि, वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद रिपोर्टरों से बात करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ज़रूरी सार्वजनिक मुद्दों को उठाना ही संसद का असली मकसद है, न कि यह ‘ड्रामा’ है। उन्होंने SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) और गंभीर वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा, “कुछ जरूरी मुद्दे हैं। चुनाव की स्थिति, SIR और प्रदूषण बहुत बड़े मुद्दे हैं। आइए उन पर चर्चा करें।” प्रियंका ने जोर देकर कहा कि “पार्लियामेंट किस लिए है? यह ड्रामा नहीं है। मुद्दों पर बात करना, मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है चर्चा न होने देना। ड्रामा का मतलब है उन मुद्दों पर डेमोक्रेटिक चर्चा न करना जो जनता के लिए मायने रखते हैं।”
अखिलेश यादव का तीखा हमला
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री के बयान पर कड़ा हमला बोला। संसद परिसर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा, “सबको पता है कि ड्रामा कौन करता है।” उन्होंने SIR के मुद्दे पर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की मौतों को उठाते हुए संवेदनशील सवाल किया, “लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, BLO मर गए हैं, क्या यह ड्रामा है?” अखिलेश ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “BJP वोटरों को रोकने के लिए पुलिस और बंदूकों का इस्तेमाल करती है। ऐसे शब्दों के खेल से बचना चाहिए।” सपा अध्यक्ष ने इन बयानों से विपक्ष की हताशा को ड्रामा बताने पर कड़ी आपत्ति जताई।
PM मोदी का विपक्ष पर तंज
दरअसल, पीएम मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा था कि बिहार चुनाव में हालिया हार के कारण वे अशांत लग रहे हैं और हार को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य ये है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं, कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते। मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया, तो अब थोड़ा संभल गए होंगे। लेकिन, कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है।” पीएम ने उनसे मतभेदों को दूर रखने और पार्लियामेंट में अच्छी पॉलिसी और कानून पास कराने के लिए काम करने को कहा, ताकि पिछले सत्र की बर्बादी न दोहराई जाए।
पीएम मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने नारेबाजी और हंगामे पर जोर देते हुए कहा था, “ड्रामा करने के लिए बहुत जगहें हैं। जो कोई भी ड्रामा करना चाहता है, कर सकता है। यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए।” उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि, “जो कोई भी नारे लगाना चाहता है, पूरा देश वहां है, आप बिहार चुनाव की हार के दौरान भी यह कह चुके हैं। लेकिन यहां नारों पर नहीं, पॉलिसी पर जोर होना चाहिए।” उन्होंने सभी से पराजय की निराशा से बाहर निकलकर चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाने और राष्ट्रहित में काम करने की अपील की।
