पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनेगा, और यह स्मारक पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के स्मारक के पास बनाया जाएगा। इस योजना पर पूर्व पीएम के परिवार ने अपनी सहमति दे दी है। मनमोहन सिंह के परिजनों ने हाल ही में आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को एक पत्र भेजकर प्रस्तावित स्थल को मंजूरी दे दी है। इस पत्र में परिवार ने स्मारक निर्माण के लिए निर्धारित भूमि की स्वीकृति दी है, जिससे सरकार को आगे की कार्यवाही में मदद मिलेगी।

लिखित के साथ भूमि आवंटित की भी मिली मंजूरी
राष्ट्रीय स्मृति स्थल, जो दिल्ली के राजघाट के पास स्थित है, एक विशेष समाधि परिसर है जहां कई प्रमुख हस्तियों के समाधि स्थल हैं। इसमें कुल नौ समाधियां हैं, जिनका वास्तुशिल्प डिज़ाइन विशेष रूप से समाधि स्थल के समान है। मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के परिवार ने सरकार को लिखित मंजूरी भेजने के साथ ही एक ट्रस्ट को भूमि आवंटित करने की अनुमति दी है, ताकि स्मारक का निर्माण शुरू किया जा सके। यह स्मारक 900 स्क्वायर मीटर के भूमि क्षेत्र में बनेगा, जिसका स्थान पहले ही तय किया जा चुका है।
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पत्नी गुरशरण कौर ने भेजा स्वीकृति पत्र
इससे पहले, पिछले सप्ताह मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के परिवार के सदस्य राष्ट्रीय स्मृति स्थल का दौरा करने गए थे। इस दौरान उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने औपचारिक रूप से स्वीकृति पत्र भेजा था। साथ ही, उनकी बेटियों उपिंदर सिंह और दमन सिंह ने अपने-अपने पतियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया था। उपिंदर सिंह ने इस बारे में पुष्टि करते हुए बताया कि स्वीकृति पत्र भेज दिया गया है और अब स्मारक के निर्माण के लिए जमीन पर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके साथ ही, परिवार ने सरकार से अनुरोध किया है कि स्मारक के निर्माण के लिए 25 लाख रुपये तक का एकमुश्त अनुदान दिया जाए।

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स्मारक स्थल को लेकर उठे कई विवाद
मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का निधन 26 दिसंबर 2023 को हुआ था, जिसके बाद उनके स्मारक स्थल को लेकर विभिन्न चर्चाएँ और विवाद उठे थे। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुई थी। इसके बाद सरकार ने उनके स्मारक के निर्माण के लिए जगह की तलाश शुरू की थी। अब यह स्थिति स्पष्ट हो गई है कि स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर ही बनेगा और इसके निर्माण के लिए परिवार और सरकार के बीच सहमति बन चुकी है।