Pune Rape Case: पुणे के स्वर्गेट डिपो में एक बस के अंदर 26 साल की महिला से रेप का मामला अब जोर पकड़ता जा रहा है। विपक्ष के हमलों के बाद अब फडणवीस सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने पुणे के स्वर्गेट बस डिपो के सहायक परिवहन अधीक्षक और बस डिपो प्रबंधक के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं।
पुणे रेप मामले में आरोपी की पहचान जारी
बताते चले कि, पुणे पुलिस ने आरोपी की पहचान जारी कर दी है. मिली जानकारी के अनुसार आरोपी का नाम दत्तात्रेय रामदास गाडे है. इस आरोपी के गिरफ्तारी में मदद करने वाले व्यक्ति को 1 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया गया है. पुलिस द्वारा आरोपी की फोटो भी जारी कर दी गई है. आरोपी ने बीते दिन बस में 26 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार किया था.

मंत्री सरनाईक ने जांच में दोषी पाए जाने पर दोनों को निलंबित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, मंत्री ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) को स्वर्गेट बस डिपो में सभी मौजूदा सुरक्षा कर्मियों को बदलने का निर्देश दिया है। इससे बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की बात की गई है।
आरोपी ने दीदी कहकर बस में ले जाकर की दरिंदगी
पुणे का स्वारगेट बस डिपो महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) का एक प्रमुख बस डिपो है। पीड़ित महिला मेडिकल क्षेत्र में काम करती है। उसने बताया कि वह मंगलवार (25 फरवरी) सुबह करीब 5.45 बजे फलटण, सतारा की बस का इंतजार कर रही थी, तभी एक व्यक्ति उसके पास आया और उसे ‘दीदी’ कहकर संबोधित किया। उस व्यक्ति ने कहा कि सतारा की बसें दूसरे प्लेटफॉर्म पर खड़ी हैं।
इसके बाद आरोपी ने महिला को स्टेशन के एक अन्य प्लेटफॉर्म पर खड़ी ‘शिव शाही’ एसी बस में ले जाया। बस में लाइटें बंद थीं और अंधेरा था, जिसके कारण महिला को बस में चढ़ने में डर लग रहा था, लेकिन आरोपी ने उसे बार-बार यह समझाने की कोशिश की कि यही सही बस है। बस में ले जाने के बाद आरोपी ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया और फिर भाग गया। भागने से पहले उसने पीड़िता को धमकी दी कि वह इस बारे में किसी से न बताए।
आरोपी ने खुद को बताया बस कंडक्टर

एमएसआरटीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, खाली खड़ी एसी बस 25 फरवरी की सुबह 3.40 बजे सोलापुर से आई थी और गन्ने के जूस की दुकान के सामने पार्क की गई थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आरोपी ने खुद को बस का कंडक्टर बताया और महिला को बस के अंदर ले गया। स्वारगेट बस स्टेशन के अधिकारियों को इस वारदात की जानकारी सुबह 10.00 बजे (यानी 4 घंटे बाद) मिली।
महिला ने दोस्त को बताई पूरी घटना
पुलिस ने बताया कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और देखा कि महिला आरोपी के साथ बस की ओर जा रही थी। जब यह घटना हुई, उस समय बस अड्डे पर कई बसें और लोग मौजूद थे। पीड़ित महिला घटना के तुरंत बाद पुलिस के पास नहीं गई, बल्कि दूसरी बस पकड़कर अपने घर चली गई। यात्रा के दौरान उसने अपने किसी दोस्त को फोन करके पूरी घटना बताई। इसके बाद, दोस्त की सलाह पर वह बस से उतरकर पुलिस स्टेशन पहुंची।
आरोपी दत्तात्रेय गाडे पर कई मामले दर्ज
पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी दत्तात्रेय गाडे पर पुणे के शिकरापुर और शिरूर पुलिस थानों में पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। उसकी तलाश के लिए पुलिस ने आठ टीमें बनाई हैं। अहल्यानगर में भी उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। 2019 में वह लूट के मामले में जमानत पर बाहर आया था और तभी से बाहर है। इसके बाद, 2024 में चोरी के एक मामले में पुणे पुलिस ने उसे तलब किया था।
पुणे पुलिस ने आरोपी दत्तात्रेय गाडे के भाई से भी पूछताछ की है। इस समय पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी सहायता के जरिए आरोपी की तलाश कर रही है। वहीं, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस मामले की गंभीरता से जांच करने और आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।
अजित पवार का बयान

पुणे के संरक्षक मंत्री अजित पवार ने कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक, दर्दनाक और गुस्से को उकसाने वाली है। दोषी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वारगेट बस स्टेशन पर हुई रेप की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, पीड़ादायक, गुस्से में डालने वाली और सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। यह अपराध माफी के लायक नहीं है और इसमें मौत से कम कोई सजा नहीं हो सकती। अजित पवार ने कहा कि उन्होंने पुणे पुलिस आयुक्त को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से ध्यान देने और आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान

वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है। NCW की अध्यक्ष विजया राहटकर ने डीजीपी को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में तीन दिन के अंदर एफआईआर की कॉपी के साथ एक्शन रिपोर्ट भेजी जाए। इसके अलावा, परिवहन विभाग के मंत्री प्रताप सरनाईक ने सभी 33 प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स को निलंबित कर दिया है और MSRTC के डायरेक्टर विवेक भीमनवार से सात दिनों के भीतर विभागीय जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

