Punjab Flood: पंजाब प्रदेश इस समय दशकों की सबसे भीषण बाढ़ की चपेट में है। 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच आई इस बाढ़ ने राज्य के 12 जिलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। तेज बारिश और नदियों के उफान के कारण बड़े क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। इस भीषण बाढ़ ने न केवल 29 लोगों की जान ली है, बल्कि लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं।
Punjab सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, बाढ़ से कुल 2.56 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर जिले में हुआ, जहां लगभग 1.45 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आए। इसके बाद अमृतसर में करीब 35,000 और फिरोजपुर व फाजिल्का में कुल मिलाकर 45,000 लोग प्रभावित हुए हैं। छोटे जिलों में भी भारी नुकसान हुआ है, जैसे बरनाला में 163 और मानसा में 59 लोग प्रभावित हुए हैं।
मृतकों की संख्या
बाढ़ के कारण सबसे अधिक मौतें पठानकोट जिले में हुईं, जहां 6 लोगों की जान गई। इसके अलावा अमृतसर, होशियारपुर, लुधियाना, बरनाला और मानसा में तीन-तीन मौतें हुईं। पटियाला, बठिंडा, संगरूर और साहिबजादा अजीत सिंह नगर में एक-एक व्यक्ति की जान गई।
विस्थापन की बात करें तो करीब 15,600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। इनमें से गुरदासपुर में 5,549, फिरोजपुर और फाजिल्का में 5,370 और अमृतसर में लगभग 1,700 लोग शामिल हैं। बाढ़ का पानी 1,043 गांवों से होकर गुजरा है, जिनमें सबसे ज्यादा प्रभावित गांव गुरदासपुर में हैं (321), इसके बाद कपूरथला (115), होशियारपुर (94), अमृतसर (88) और बरनाला (24) शामिल हैं।
कृषि क्षेत्र पर बाढ़ का गंभीर प्रभाव
Punjab, जो कि भारत का प्रमुख खाद्यान्न उत्पादक राज्य है, इस बाढ़ से भारी प्रभावित हुआ है। राजस्व मंत्री ने बताया कि बाढ़ के कारण कुल 94,061 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। सबसे ज्यादा नुकसान अमृतसर (23,000 हेक्टेयर), मानसा (17,005 हेक्टेयर), कपूरथला (14,934 हेक्टेयर) और तरनतारन (11,883 हेक्टेयर) जिलों में हुआ है।
खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान के खेत बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जिससे खाद्य आपूर्ति श्रृंखला पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। फसलों के नुकसान से किसानों की आमदनी पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा, जिससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था संकट में आ सकती है।
राहत एवं बचाव कार्य जारी
पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि विस्थापित लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित ठिकाना मिले।
बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा योजना भी चलाई जा रही है जिससे वे अपनी आर्थिक मुश्किलों को कुछ हद तक कम कर सकें। इसके साथ ही बाढ़ के बाद कृषि भूमि की पुनर्स्थापना और फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

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