Punjab Weather: पंजाब के फाजिल्का जिले के सीमावर्ती गांवों में सतलुज नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है, जिससे हालात बिगड़ने लगे हैं। कुछ दिन पहले जब नदी का जलस्तर कम हुआ था, तब ग्रामीणों को राहत मिली थी और वे अपने घरों में लौट आए थे, लेकिन अब अचानक पानी बढ़ने के कारण फिर से परेशानी बढ़ गई है।
सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ा

सतलुज नदी में पिछले कुछ दिनों के मुकाबले करीब 25 हजार क्यूसेक पानी और बढ़ गया है। इससे गांवों की सड़कों और गलियों में पानी दोबारा बहने लगा है। तेजा रुहेला, गट्टी नंबर 3, दोना नानका और झंगड़ भैनी जैसे गांवों में पानी घरों तक पहुंच गया है। जहां रविवार तक पानी की आवक एक लाख क्यूसेक से कम थी, वहीं सोमवार और मंगलवार को इसमें तेजी से वृद्धि हुई है।
ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी
गांव तेजा रुहेला के निवासी मलकीत सिंह ने बताया कि वे 15 दिन बाद घर लौटे थे, लेकिन दो दिनों तक गाद निकालने में लगे रहे और खुले आसमान के नीचे सोना पड़ा। जब वे आराम से सोने लगे, तो अचानक पानी की बढ़ोतरी ने उनकी नींद उड़ा दी।
महिला शीला रानी ने बताया कि पहले फसलें चौपट हो चुकी हैं और अब घरों की नींव कमजोर हो रही है। दीवारों में दरारें आने लगी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यही हालात बने रहे तो उन्हें फिर से अपने घर छोड़कर बाहर रहना पड़ेगा। सतलुज नदी के किनारे बसे गांव निहाला किल्चा और कालूवाला के खेतों में करीब 4-4 फीट रेत जमा हो गई है, जो खेती-किसानी पर भी बुरा प्रभाव डाल रही है।
पंजाब में गर्मी के बीच मानसून की मंद रफ्तार
मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब में मानसून अब विदाई की ओर है और उसकी रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है। मंगलवार को अधिकतर जिलों में मौसम गर्म रहा और उमस भरी गर्मी का अनुभव हुआ।
रूपनगर, पठानकोट और चंडीगढ़ में हल्की बारिश हुई, जबकि अन्य जिलों में मौसम साफ और गर्म रहा। लुधियाना और मानसा में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से करीब 4 डिग्री अधिक है।
अगले तीन दिनों में मौसम का हाल
मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि बुधवार को पंजाब के कुछ जिलों में बारिश हो सकती है। ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा और गर्मी का असर बना रहेगा।
गांवों में पानी बढ़ने के कारण सतलुज नदी के आसपास के इलाकों में सतर्कता बरतने की जरूरत है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। वहीं, किसानों और ग्रामीणों को भी सावधानी बरतने और मौसम की ताजा जानकारी लेते रहने की सलाह दी गई है।


