Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से ठीक पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद ही कड़ा कर दिया गया है। पुतिन को दुनिया के सबसे सुरक्षित नेताओं में गिना जाता है, और उनकी 30 घंटे की इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान सुरक्षा में कोई चूक न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए भारत और रूस की सुरक्षा एजेंसियां एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। दिल्ली को एक हाई-सिक्योरिटी ज़ोन में तब्दील कर दिया गया है।
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे को लेकर क्यों घबराए 32 देश?
रूसी स्पेशल प्रोटेक्शन टीम की तैनाती

पुतिन की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली रूस की स्पेशल प्रोटेक्शन टीम (SPG के समकक्ष) कुछ दिन पहले ही चुपचाप दिल्ली पहुँच चुकी है। इस टीम ने उनके ठहरने के होटल, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट और मीटिंग वेन्यू की एक-एक जगह की बारीकी से जाँच की है। कौन से कमरे उपयोग किए जाएंगे, किस रास्ते को चुना जाएगा, किस दरवाजे से एंट्री होगी और किससे एग्ज़िट—इन सभी पहलुओं को पहले से ही निर्धारित कर लिया गया है।
मोबाइल लैब और निजी व्यवस्थाएँ
पुतिन जहाँ भी जाते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए एक मोबाइल केमिकल लैब उनके काफिले के साथ चलती है। यह लैब उनके खाने और पानी की शुद्धता की जाँच करती है। इसी कारण वे स्थानीय खाना या पानी नहीं लेते। उनका भोजन और पानी रूस से ही लाया जाता है और कई स्तर की जाँच के बाद ही उन्हें परोसा जाता है। सुरक्षा की अंतिम परत के तौर पर, वह अपना निजी पोर्टेबल टॉयलेट भी साथ रखते हैं। यह उनकी व्यक्तिगत मेडिकल जानकारी को पूरी तरह से गोपनीय और सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।
दिल्ली में हाई-टेक निगरानी
दिल्ली पुलिस, केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) पूरी तरह से हाई अलर्ट पर हैं। सुरक्षा तैयारियों को परखने के लिए VIP रूट्स का लगातार ट्रायल किया जा रहा है ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। राजधानी के रणनीतिक और संवेदनशील स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
बहु-स्तरीय सुरक्षा— होटल और मीटिंग वेन्यू पर सुरक्षा के कई घेरे बनाए गए हैं (मल्टी-लेयर सिक्योरिटी)।
स्नाइपर और एंटी-ड्रोन सिस्टम— ऊंची इमारतों की छतों पर प्रशिक्षित स्नाइपर्स को तैनात किया गया है। इसके अलावा, किसी भी हवाई खतरे को रोकने के लिए ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम को सक्रिय कर दिया गया है।
तकनीकी निगरानी— हर सिग्नल और संचार नेटवर्क की तकनीकी मॉनिटरिंग की जा रही है।
सीसीटीवी और फेस रिकग्निशन— हाई-डेफिनिशन कैमरों और फेस रिकग्निशन सिस्टम की मदद से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।
24×7 मॉनिटरिंग— पुलिस कंट्रोल रूम में एक स्पेशल मॉनिटरिंग टीम 24 घंटे काम कर रही है।
क्विक रिएक्शन और तकनीकी खुफिया
स्वाट टीम (SWAT), आतंकवाद-रोधी दस्ते और त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) जैसी विशेष इकाइयाँ राजधानी भर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात हैं। ड्रोन, सीसीटीवी से निगरानी और तकनीकी खुफिया प्रणालियां भी तैनात की गई हैं, जो पूरे क्षेत्र पर पैनी नजर रखेंगी।
ट्रैफ़िक पर असर

पूरी दिल्ली को हाई-सिक्योरिटी ज़ोन में बदलने के कारण सामान्य यातायात (ट्रैफ़िक) पर भी असर पड़ना निश्चित है। पुतिन के काफिले के रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्ज़न लागू किए जाएंगे। हालांकि, पुलिस का प्रयास रहेगा कि आम जनता को कम से कम असुविधा हो, लेकिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
