Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बीच अमेरिका ने अपनी नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी जारी की है, जिसमें भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस 33 पन्नों के सुरक्षा दस्तावेज़ में, अमेरिका ने भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखा है और साथ ही भारत, जापान और अन्य देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया है, खासकर साउथ चाइना सी में चीन के खिलाफ मोर्चा लेने के संदर्भ में।
Putin India Visit: यूरोपीय देशों पर निशाना: अमेरिका की आलोचना
इस दस्तावेज़ में, ट्रंप प्रशासन ने यूरोपीय देशों पर तीखा निशाना साधा है, खासकर उनके यूक्रेन युद्ध में भूमिका को लेकर। इसमें कहा गया है, “यूरोपीय देश लोकतंत्र को नष्ट कर रहे हैं और यूक्रेन में शांति की प्रक्रिया को अवरुद्ध कर रहे हैं।” अमेरिका ने यह आरोप लगाया कि यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों को यूरोपीय अधिकारी विफल कर रहे हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो रही है।
Putin India Visit: यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं को स्थिर करने का आह्वान
अमेरिकी सुरक्षा रणनीति के मुताबिक, यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं को स्थिर करने, यूक्रेन युद्ध को रोकने और रूस के साथ रणनीतिक स्थिरता फिर से स्थापित करने के लिए अमेरिकी प्रशासन ने दुश्मनी खत्म करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। इसमें एशिया और मिडिल ईस्ट में अमेरिका के रिश्तों को भी महत्व दिया गया है, जो वैश्विक सुरक्षा पर असर डाल सकते हैं।
बर्डन-शिफ्टिंग नीति: यूरोप को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य
नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी में एक नई नीति का उल्लेख किया गया है, जिसे “बर्डन-शिफ्टिंग” कहा गया है। इसका उद्देश्य यूरोपीय देशों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद करना है। इसके तहत, अमेरिकी प्रशासन यूरोप में अपनी सैन्य उपस्थिति को फिर से समायोजित करने की योजना बना रहा है, ताकि तात्कालिक खतरों का समाधान किया जा सके और उन क्षेत्रों से अमेरिकी सेना को दूर रखा जा सके, जिनका राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सापेक्ष महत्व कम हो गया है।
चीन को आर्थिक चुनौती के रूप में देखा गया
अमेरिका की सुरक्षा रणनीति में चीन को एक प्रमुख आर्थिक चुनौती के रूप में पेश किया गया है। अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वह चीन के साथ अपने आर्थिक रिश्तों को फिर से संतुलित करेगा और अमेरिकी आर्थिक स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए पारस्परिकता और निष्पक्षता को प्राथमिकता देगा। इसमें यह भी कहा गया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में युद्ध रोकने के उपायों पर मजबूत और निरंतर ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि चीन के विस्तारवादी कदमों को काबू किया जा सके।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नीति पर जोर
अमेरिका ने अपनी नीति में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी है। रणनीति में कहा गया है कि इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए जाएंगे, और चीन के आक्रामक कदमों का मुकाबला करने के लिए साझेदार देशों के साथ मिलकर उपाय किए जाएंगे। अमेरिका ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनी रहे, जो वैश्विक व्यापार और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
अमेरिका के लिए समग्र सुरक्षा रणनीति
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में यूरोप, एशिया, और मिडिल ईस्ट में अपनी स्थिति को पुनः मजबूत करने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही, ट्रंप प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि अमेरिका की नीति हमेशा वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता की दिशा में रहे, और वह अपने साझेदार देशों के साथ मिलकर एक मजबूत और सुरक्षित वैश्विक व्यवस्था का निर्माण कर सके।
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