Putrada Ekadashi 2025: कब है सावन की दूसरी एकादशी? जानें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

जो कि हर माह में दो बार पड़ती है। ऐसे साल में कुल 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करते हैं

Nivedita Kasaudhan
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Putrada Ekadashi 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है, जो कि हर माह में दो बार पड़ती है। ऐसे साल में कुल 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की असीम कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।

पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली दूसरी एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से सभी दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं और कष्टों का निवारण होता है साथ ही संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा पुत्रदा एकादशी की तारीख और अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

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सावन पुत्रदा एकादशी की तारीख

Putrada Ekadashi 2025
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हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 4 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन 5 अगसत को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में सावन माह की पुत्रदा एकादशी का व्रत 5 अगस्त को किया जाएगा।

पुत्रदा एकादशी की पूजा मुहूर्त

एकादशी के दिन पूजा का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 20 मिनट से सुबह 5 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा रवि योग का निर्माण सुबह 5 बजकर 45 मिनट से सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शाम को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 9 मिनट से शमा 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

एकादशी व्रत पारण का समय

श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी की 6 अगस्त को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से 8 बजकर 26 मिनट तक व्रत का पारण सकते हैं। पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय दोपहर 2 बजकर 8 मिनट रहेगा।

Putrada Ekadashi 2025
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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