Raebareli Dalit Murder: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के ऊंचाहार थाना क्षेत्र में दलित युवक हरिओम की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इस कड़ी में पुलिस ने मंगलवार देर रात चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिससे कुल गिरफ्तार आरोपियों की संख्या नौ हो गई है। वहीं, पुलिस ने लगभग 15 लोगों की पहचान की है, जिनके खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
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मुख्य आरोपियों के नाम उजागर
पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि अब तक पांच आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। मंगलवार की देर रात गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में सुख सागर अग्रहरि, शिवम, लल्ली पासी और एक अन्य संदिग्ध शामिल हैं। सुख सागर अग्रहरि को घटना में मुख्य भूमिका निभाने वाला आरोपित बताया जा रहा है, जबकि शिवम और लल्ली पासी उनके रिश्तेदार और फरार अभियुक्त हैं। पुलिस फिलहाल लल्ली पासी के साथ रहने वाले एक अन्य व्यक्ति से भी पूछताछ कर रही है।
गैंगस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्रवाई की तैयारी
एसपी ने साफ कहा कि हरिओम हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और रासुका (NSA) की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और सभी को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह संदेश दिया गया है कि सामाजिक कुरीतियों और जातिगत अपराधों पर पुलिस शून्य सहनशीलता दिखाएगी।
हत्या की पूरी घटना और पीड़ित की पृष्ठभूमि
बताया जा रहा है कि 38 वर्षीय हरिओम फतेहपुर के तारावती गांव का रहने वाला था। वह बुधवार की रात अपने ससुराल ऊंचाहार कस्बे जाने के लिए पैदल निकला था। रास्ते में गदागंज थाना क्षेत्र के एक ढाबे के पास ग्रामीणों ने उसे संदिग्ध मानकर रोक लिया। भीड़ ने उसे चोर समझकर बर्बरता से पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना ने इलाके में सनसनी मचा दी है और सामाजिक ताने-बाने में तनाव फैल गया है।
लगभग 15 संदिग्धों की हुई पहचान
घटना की जांच में जुटी पुलिस टीम ने अब तक लगभग 15 संदिग्धों की पहचान की है, जिनमें से कई फरार हैं। पुलिस ने इन सभी को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास तेज कर दिए हैं। एसपी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही बाकी अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
समाज में तनाव और पुलिस की जिम्मेदारी
यह मामला न केवल पुलिस के लिए चुनौती बना है बल्कि सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए भी सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ा दी है। पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि जातिगत हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। इस प्रकार, रायबरेली में दलित युवक हरिओम की हत्या के मामले में पुलिस की त्वरित और कठोर कार्रवाई ने समाज में उम्मीद की किरण जगाई है। आगे की जांच और गिरफ्तारी से ही इस मामले में न्याय की स्थिति स्पष्ट होगी।
