Raebareli Mob Lynching: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में मॉब लिंचिंग में कथित रूप से मारे गए हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने परिवार की पीड़ा को साझा किया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
राहुल गांधी ने कहा, “हरिओम के परिवार को घर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। जिन्हें इलाज की जरूरत है, वे भी अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं। सरकार ने उन्हें जैसे कैद कर रखा है। दलितों के साथ देश में अत्याचार हो रहे हैं, और अब तो खुलेआम हत्याएं भी होने लगी हैं। यह मानवता, संविधान और न्याय – तीनों की हत्या है।”
क्या है पूरा मामला?
यह घटना रायबरेली जिले की है, जहां फतेहपुर निवासी हरिओम वाल्मीकि की कथित तौर पर भीड़ ने ‘चोर’ समझकर पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक, एक समूह ने हरिओम को पकड़कर बेरहमी से मारा, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी दी गई है।
शिवम वाल्मीकि का बयान
हरिओम के छोटे भाई शिवम वाल्मीकि ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सरकार के दो कैबिनेट मंत्री हमारे घर आए थे। उन्होंने हमें आर्थिक मदद दी और एक सदस्य को नौकरी भी दी है। हम सरकार से संतुष्ट हैं। मेरे भाई के हत्यारे को जेल भेजा गया है।” शिवम ने राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, “राजनीति करने के लिए हमारे घर न आएं। हमें इंसाफ मिल चुका है, और हम दुख की इस घड़ी में सियासी नाटक नहीं चाहते।”
सियासी घमासान तेज
घटना के बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। राहुल गांधी के दौरे को भाजपा ने ‘राजनीतिक ड्रामा’ बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे पीड़ित परिवार के साथ एकजुटता की मिसाल बताया।इस बीच प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और हरिओम के परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही है।रायबरेली मॉब लिंचिंग मामला एक बार फिर देश में दलितों की सुरक्षा और भीड़तंत्र पर नियंत्रण को लेकर बहस छेड़ चुका है। जहां एक ओर राहुल गांधी इसे संविधान और मानवाधिकारों पर हमला बता रहे हैं, वहीं पीड़ित परिवार का एक वर्ग सरकारी मदद से संतुष्ट नजर आ रहा है। आने वाले दिनों में यह मामला राजनीतिक और सामाजिक रूप से और गहराने की संभावना रखता है।
