Rafale Fighter Jet: भारत में होगा राफेल फाइटर जेट का निर्माण, डसॉल्ट और टाटा में बड़ा समझौता

Aanchal Singh
Rafale Fighter Jet
Rafale Fighter Jet

Rafale Fighter Jet: भारत के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए 5 जून 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया है। फ्रांस की प्रमुख डिफेंस एविएशन कंपनी डसॉल्ट एविएशन और भारत की अग्रणी एयरोस्पेस कंपनी टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस करार के तहत अब राफेल फाइटर जेट के फ्यूजलेज यानी मुख्य ढांचे का निर्माण भारत में किया जाएगा। यह पहली बार होगा जब राफेल जेट का फ्यूजलेज फ्रांस से बाहर किसी देश में बनेगा।

Read More: Amarnath Yatra 2025: बदल गया अमरनाथ यात्रा का शेड्यूल, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को इस बार मिलेगा कम समय

‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा नया आयाम

इस समझौते के जरिए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशनों को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। डसॉल्ट एविएशन और TASL ने चार अलग-अलग प्रोडक्शन ट्रांसफर एग्रीमेंट्स पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे न केवल भारत की घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ेगी, बल्कि भारत वैश्विक एयरोस्पेस सप्लाई चेन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगा। यह करार एयरोस्पेस तकनीक में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रमाण है।

हैदराबाद में बनेगी अत्याधुनिक यूनिट

समझौते के अनुसार, TASL हैदराबाद में एक हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करेगी। इस यूनिट में राफेल जेट के फ्यूजलेज के विभिन्न हिस्से—जैसे रियर फ्यूजलेज के लेटरल शेर, पिछला हिस्सा, सेंट्रल और फ्रंट सेक्शन—का निर्माण किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि यह फैसिलिटी वित्त वर्ष 2028 से पहले उत्पादन कार्य शुरू कर देगी और हर महीने दो फुल फ्यूजलेज तैयार करने में सक्षम होगी।

डिजाइन में स्टील्थ और मजबूती अहम

फ्यूजलेज किसी भी विमान का वह हिस्सा होता है जो उसके सभी प्रमुख अंगों को जोड़ता है, जैसे कि पंख, पूंछ और कॉकपिट। खासकर राफेल जैसे एडवांस्ड फाइटर जेट के लिए इसका डिज़ाइन स्टील्थ तकनीक और संरचनात्मक मजबूती को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। इस लिहाज से भारत में इसका निर्माण तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि होगी।

भारत और फ्रांस के बीच यह करार न सिर्फ रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि इससे भारत को वैश्विक डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब बनने में भी मदद मिलेगी। हैदराबाद में स्थापित की जा रही यूनिट आने वाले वर्षों में उन्नत तकनीक, स्थानीय रोजगार और वैश्विक पहचान का केंद्र बन सकती है।

Read More: Chhattisgarh: सुरक्षाबलों का नक्सल पर एक्शन जारी, एक करोड़ का इनामी नक्सली नरसिम्हाचलम मुठभेड़ में ढेर

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version