Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को देश की वोटर लिस्ट में संगठित स्तर पर गड़बड़ी का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सिर्फ एक या दो सीटों की बात नहीं है, बल्कि पूरे देश में एक सिस्टेमैटिक तरीके से यह खेल खेला जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे पास अब सबूत हैं, पिक्चर अभी बाकी है।” यह बयान उन्होंने बिहार की अपडेटेड वोटर लिस्ट में 124 साल की एक ‘फर्स्ट टाइम वोटर’ मिंता देवी के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया। राहुल गांधी ने कहा “मैंने उस केस के बारे में सुना है। ऐसे अनलिमिटेड केसेज हैं। पहले हमारे पास कोई ठोस सबूत नहीं था, लेकिन अब हमारे पास प्रमाण हैं कि वोटर लिस्ट में हेराफेरी की जा रही है।”
चुनाव आयोग पर निशाना
उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ लोकतंत्र और संविधान की नींव है, और चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह इसे सुनिश्चित करे। “चुनाव आयोग यह जानता है और हम भी जानते हैं कि यह सब कैसे हो रहा है,” राहुल ने कहा। इस मुद्दे को लेकर सोमवार को विपक्ष के 300 से ज्यादा सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। मार्च में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, डिंपल यादव समेत कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। मार्च के दौरान सांसदों को बैरिकेडिंग पार करने से रोका गया, जिसके बाद वे वहीं जमीन पर बैठ गए और विरोध दर्ज कराया। प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया गया।
संविधान बचाने की लड़ाई
हिरासत में लिए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा “यह संविधान बचाने की लड़ाई है। हमें साफ-सुथरी वोटर लिस्ट चाहिए, ताकि हर वोट की गिनती हो सके।” वहीं प्रियंका गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “यह सरकार डरी हुई है और कायर है।” मार्च के दौरान ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ जैसे नारे लगे। अखिलेश यादव ने बैरिकेडिंग फांदने की कोशिश की, जिसे सुरक्षाबलों ने रोक दिया। यह मामला अब महज वोटर लिस्ट की गड़बड़ी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद पर बहस का मुद्दा बन चुका है। विपक्ष इसको 2024 के बाद के राजनीतिक एजेंडे का बड़ा हिस्सा बना रहा है और आने वाले दिनों में इस पर और तीखा संघर्ष देखने को मिल सकता है।
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