PM Modi Ladakh Betrayal: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को लद्दाख में पुलिस गोलीबारी को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के लोगों के साथ धोखा किया है। उन्होंने लेह में हुई गोलीबारी की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है, जिसमें 4 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी। मृतकों में कारगिल युद्ध के वीर त्सावांग थारचिन भी शामिल हैं।
राहुल गांधी ने अपनी ट्विटर (X) पोस्ट में थारचिन के पिता का एक दर्दभरा वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “पिता की दर्द भरी आंखें एक सवाल पूछती हैं, क्या आज देश सेवा का यही इनाम है। हिंसा और भय की राजनीति बंद करें।” उन्होंने केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं।
लेह में इंटरनेट सेवा 3 अक्टूबर तक बंद, कर्फ्यू में ढील
गृह मंत्रालय ने लेह जिले में सुरक्षा कारणों से 3 अक्टूबर तक मोबाइल इंटरनेट और सार्वजनिक वाई-फाई सेवाओं को बंद रखने का आदेश दिया है। हालांकि, मंगलवार को सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गई, जिससे स्थानीय लोगों को कुछ राहत मिली। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति के अनुसार कर्फ्यू ढील को आगे बढ़ाने या सख्त करने का फैसला किया जाएगा।
लेह के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गुलाम मोहम्मद ने ढील के दौरान किराना, आवश्यक सेवाओं, हार्डवेयर और सब्जी की दुकानों को खोलने की अनुमति दी है। इससे पहले सोमवार शाम कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गई थी।
सोनम वांगचुक की रिहाई और बातचीत की मांग
पर्यावरण कार्यकर्ता और आंदोलन के प्रमुख चेहरा सोनम वांगचुक समेत कई युवा गिरफ्तार हैं। करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने उनकी रिहाई की जोरदार मांग की है और कहा है कि वांगचुक की रिहाई तक वे केंद्र सरकार से किसी भी बातचीत में शामिल नहीं होंगे।
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) भी बातचीत से दूरी बनाए हुए है और न्यायिक जांच व गिरफ्तार युवाओं की रिहाई की मांग कर रही है। 24 सितंबर को LAB द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हिंसक झड़पें हुईं, जिनमें चार प्रदर्शनकारी मारे गए और 50 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए।
गृह मंत्रालय की बातचीत को लेकर पहल
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार रात स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार लेह से जुड़े मुद्दों पर LAB और KDA से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि बातचीत से सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।
KDA के सह-अध्यक्ष असगर करबला ने कहा, “केंद्र सरकार को लेह गोलीबारी की न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए और सभी गिरफ्तार युवाओं को रिहा करना चाहिए।” वहीं लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफ़ा ने कहा कि लद्दाख के लोगों को राष्ट्र-विरोधी बताने की राजनीति बंद होनी चाहिए।
लद्दाख में जारी तनाव और गोलीबारी को लेकर केंद्र सरकार और स्थानीय संगठन के बीच बढ़ती खींचतान के बीच राहुल गांधी का आरोप सरकार पर नए सिरे से सवाल खड़े करता है। इंटरनेट बंदी और कर्फ्यू के बावजूद इलाके में शांति बहाल करने की कोशिशें जारी हैं। अब देखना होगा कि क्या केंद्र और स्थानीय नेताओं के बीच जल्द ही संवाद शुरू होता है और न्यायिक जांच के आदेश के साथ हालात सामान्य होते हैं।
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