Voter Adhikar Yatra: राअररिया में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर कहा कि यह यात्रा बेहद सफल रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से लोग स्वेच्छा से जुड़ रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार की जनता वोटर अधिकारों के मुद्दे को लेकर गंभीर है। राहुल गांधी ने कहा कि बिहार के लोग वोट चोरी के मामलों पर विश्वास कर रहे हैं और चुनावी गड़बड़ियों को लेकर सजग हो रहे हैं।
राहुल गांधी का सख्त संदेश
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग का कर्तव्य है कि वह सही मतदाता सूची सुनिश्चित करे, लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक जैसे राज्यों में यह नहीं हुआ। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “हम चुनाव आयोग पर दबाव बनाएंगे कि वह निष्पक्ष काम करे। हम वोट चोरी नहीं होने देंगे।” राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि बिहार में यह प्रयास सफल नहीं होगा और लोकतंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध है।
तेजस्वी यादव का आरोप
इस प्रेस वार्ता में राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अब चुनाव आयोग ‘गोदी आयोग’ बन गया है और वह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहा है। तेजस्वी ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य वोट के अधिकार और लोकतंत्र के अस्तित्व की रक्षा करना है। उन्होंने बताया कि गांवों में भी लोगों का चुनाव आयोग से भरोसा उठ रहा है, क्योंकि हर बूथ पर 50 से ज्यादा नामों को मतदाता सूची से काटा गया है।
राहुल और तेजस्वी का साझा हमला
गया में रैली के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री समाज में नफरत फैला रहे हैं और झूठी अफवाहें फैला कर वोटर डिलीशन को जायज़ ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि EC (चुनाव आयोग) घुसपैठियों को भगाने की प्रक्रिया के नाम पर वोटरों के नाम काट रहा है, जबकि किसी एफिडेविट में इसका कोई जिक्र नहीं है।
“चुनाव आयोग का पक्षपात साफ”
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने चुनाव आयोग के सामने वोट डिलीशन के डेटा पेश किए, तो आयोग ने एफिडेविट की मांग की। लेकिन जब केंद्र सरकार के मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर उन्हीं की बातों को दोहराया, तो उनसे कोई एफिडेविट नहीं मांगा गया। इससे, राहुल के अनुसार, यह साफ हो गया कि चुनाव आयोग किसके साथ खड़ा है।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ अब सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की एक बड़ी लड़ाई बन गई है। उनका कहना है कि वे वोट चोरी के खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगे और चुनाव आयोग को निष्पक्षता की ओर मजबूर करेंगे।
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