Rahul Gandhi on EC: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव 2025 में उस समय कार्यकर्ताओं को टोक दिया जब उन्होंने मंच पर उनका स्वागत करते हुए नारा लगाया – ‘देश का राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो!’इस नारे पर राहुल गांधी ने साफ शब्दों में असहमति जताते हुए कहा, ‘मैं राजा नहीं हूं और न ही राजा बनना चाहता हूं। मैं राजा की पूरी सोच के खिलाफ हूं। लोकतंत्र में सभी नागरिक बराबर होते हैं और किसी को भी विशेष स्थान देने की सोच गलत है।’राहुल ने आगे कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जिसकी नींव वकीलों ने रखी थी। उन्होंने कहा, ‘अगर देश के वकीलों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया होता, तो हमें न आजादी मिलती और न ही संविधान।’ उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आज हमारा संविधान और लोकतंत्र दोनों खतरे में हैं, और इसे बचाना हमारी साझा जिम्मेदारी है।
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लोकसभा चुनाव में धांधली के सबूत जल्द देंगे – राहुल गांधी का दावा

अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास पुख्ता सबूत हैं, जिससे यह साबित किया जा सकेगा कि चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी।उन्होंने कहा, ‘हम अगले कुछ दिनों में पूरे देश के सामने लाएंगे कि कैसे लोकसभा चुनाव को प्रभावित किया गया। 15 सीटों पर अगर धांधली नहीं होती, तो आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते।’राहुल ने यह भी कहा कि चुनावी व्यवस्था अब निष्प्रभावी हो चुकी है और निष्पक्षता की जो उम्मीद थी, वह खत्म हो गई है।
कृषि कानूनों के विरोध पर भी सुनाया किस्सा
राहुल गांधी ने इस दौरान एक पुराना वाकया भी साझा किया। उन्होंने कहा कि जब वे कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे थे, तब उन्हें डराने के लिए पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को भेजा गया था।राहुल के अनुसार, ‘अरुण जेटली जी ने मुझे धमकाया और कहा कि अगर तुम सरकार का विरोध करोगे, तो कार्रवाई होगी। मैंने जवाब में कहा कि शायद आप नहीं जानते कि आप किससे बात कर रहे हैं।’उन्होंने कहा कि कांग्रेस झुकी नहीं, और जो भी अन्याय हुआ, उसके खिलाफ आवाज उठाई।
देश की लोकतांत्रिक भावना को बचाना जरूरी – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने भाषण के अंत में कहा कि यह समय देश के लोकतंत्र, संविधान और मूल्यों को बचाने का है। ‘हम जिस भारत को जानते हैं, उसे व्यवस्थित रूप से खत्म किया जा रहा है। अब हमें मिलकर इसका विरोध करना होगा।’
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे जनता के बीच जाएं और लोकतंत्र की असली परिभाषा को समझाएं, ताकि देश फिर से सही दिशा में लौट सके।