Rahul Gandhi On RSS: शीतकालीन सत्र के सातवें दिन मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर चर्चा जारी रही। विपक्षी नेता राहुल गांधी ने इस दौरान अपनी तीखी टिप्पणी दी और कहा कि चुनाव आयोग और कई संस्थाओं पर नियंत्रण किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे भाजपा अपने चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है।राहुल गांधी ने कहा कि “ED, सीबीआई, IB और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर कब्जा किया जा रहा है और इसे RSS कर रहा है।” उन्होंने दावा किया कि यह नियंत्रण चुनावों पर असर डालने और सत्ता पक्ष के पक्ष में माहौल बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी टिप्पणी की थी कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर SIR के बहाने NRC से जुड़े कार्य कर रहे हैं।
Rahul Gandhi On RSS: राहुल गांधी का देश और वोटर संरचना पर बयान
राहुल गांधी ने संसद में कहा कि देश को एक “फैब्रिक” के रूप में देखा जा सकता है, जो 1.4 बिलियन लोगों से बना है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है और वोटिंग इसी फैब्रिक का मूल हिस्सा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि खादी, बनारसी-कांजीवरम साड़ी, हिमाचली टोपी और अन्य पारंपरिक कपड़े भारत की विविधता और लोगों की संस्कृति को दर्शाते हैं। राहुल ने जोर देकर कहा कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे—लोकसभा, राज्यसभा, पंचायत और विधानसभा—की मजबूती केवल वोटिंग पर निर्भर करती है।
Rahul Gandhi On RSS: स्पीकर ने राहुल गांधी को सख्त निर्देश दिए
राहुल गांधी ने अपने भाषण में चुनाव सुधारों से अलग होकर कुछ संस्थाओं पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि देश के विश्वविद्यालयों के कुलपति RSS से जुड़े हैं। इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी को फटकार लगाई और कहा कि वे केवल चुनाव सुधार पर ही बोलें और किसी संगठन का नाम न लें।
संसदीय कार्य मंत्री की प्रतिक्रिया
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद में नेता प्रतिपक्ष को सुनने के लिए ही सभी सदस्य मौजूद हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर नेता प्रतिपक्ष विषय पर ही नहीं बोलेंगे, तो संसद का समय क्यों बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने सभी सांसदों से शांति बनाए रखने और चर्चा को सार्थक रखने का आग्रह किया।लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधारों और SIR पर चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। राहुल गांधी ने कई मुद्दों पर सरकार की आलोचना की, जबकि स्पीकर और संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि चर्चा का ध्यान मुख्य विषय पर होना चाहिए। संसद में यह बहस इस बात को भी दर्शाती है कि चुनाव सुधार और संस्थाओं की स्वतंत्रता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
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