Raj Bhavan Rename: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कोलकाता स्थित राजभवन का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ कर दिया। अब तक इसे ‘राजभवन’ के नाम से जाना जाता था, लेकिन केंद्र सरकार के हालिया निर्देशों के बाद इसे नया नाम प्रदान किया गया। यह भवन न केवल राज्यपाल का आधिकारिक निवास है बल्कि उनका प्रशासनिक कार्यालय भी यहीं स्थित है।
Raj Bhavan Rename: राज्यपाल ने अधिसूचना जारी कर लागू किया आदेश
इस संबंध में जारी आधिकारिक अधिसूचना में राज्यपाल ने बताया कि केंद्र सरकार के 25 नवंबर 2025 के पत्र के आधार पर यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही कोलकाता का फ्लैगस्टाफ हाउस और दार्जिलिंग स्थित राजभवन का नाम भी बदलकर लोक भवन कर दिया गया है। इस बदलाव को प्रशासनिक स्तर पर भी लागू किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
Raj Bhavan Rename: 2013 की ऐतिहासिक घटना का उल्लेख
अधिसूचना में इस बात का भी जिक्र है कि 27 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल के अनुरोध पर राजभवन की प्रतीकात्मक चाबियां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपी थीं। इसे जन-राजभवन की अवधारणा की शुरुआत माना गया। इसका उद्देश्य था राजभवन को जनता से जोड़ना, पारदर्शिता बढ़ाना और इसे जनता के लिए अधिक सहज बनाना।
सोशल मीडिया पर राज्यपाल की प्रतिक्रिया
राज्यपाल बोस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि ‘जन राजभवन’ की सोच के पीछे मकसद था राजभवन को जनता के करीब लाना। उनका कहना था कि यह भवन भय या दूरी का प्रतीक नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों, समस्याओं और आकांक्षाओं से जुड़ा एक मानवीय केंद्र बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में जन राजभवन ने कई जनहितकारी और कल्याणकारी कार्यक्रमों के जरिए लोगों के साथ खड़े होने की भूमिका निभाई है।
HG renaming Raj Bhavan as LOK BHAVAN pic.twitter.com/POvBPFG26p
— Lok Bhavan, Kolkata, Social Media (@BengalGovernor) November 29, 2025
जनता के हित में किए गए कार्यों पर राज्यपाल का दावा
राज्यपाल के अनुसार, जहां भी राज्य में हिंसा, आपदा या उत्पीड़न के मामले सामने आए, वहां जन राजभवन की टीम पहुंची और लोगों की सहायता की। इसी वजह से राजभवन अब एक प्रतीकात्मक सरकारी भवन के बजाय एक सक्रिय सामाजिक संस्था के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
২০২৩ সালের ২৭শে মার্চ মাননীয়া রাষ্ট্রপতি শ্রীমতি দ্রৌপদী মুর্মু, মাননীয়া রাজ্যপাল ড. সি. ভি. আনন্দ বোসের অনুরোধে, তৎকালীন রাজভবনের প্রতীকী চাবি মাননীয়া মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের হাতে তুলে দেন। এই ঐতিহাসিক মুহূর্তেই সূচনা হয় মানুষের রাজভবন – জন রাজ ভবন-এর একটি নতুন…
— Lok Bhavan, Kolkata, Social Media (@BengalGovernor) November 29, 2025
देशभर के राजभवन और राजनिवासों के नाम में बदलाव
राज्यपाल बोस ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी विज़न के अनुरूप गृह मंत्रालय ने फैसला लिया है कि देश के सभी राजभवनों और राजनिवासों का नाम बदलकर क्रमशः ‘लोक भवन’ और ‘लोक निवास’ किया जाए। यह फैसला राष्ट्रीय स्तर पर शासन व्यवस्था में सुधार और जनता से जुड़ाव बढ़ाने की पहल का हिस्सा है।
आधिकारिक दस्तावेजों और पट्टिकाओं में भी होगा बदलाव
बदलाव को व्यवस्थित रूप से लागू करने के लिए संबंधित विभागों को भी निर्देश दिए गए हैं। राज्यपाल भवन के एक अधिकारी ने बताया कि अब आधिकारिक लेटरहेड पर ‘राजभवन’ की जगह ‘लोक भवन’ लिखा जाएगा। साथ ही भवन के गेट, सूचना पट्टिकाएं और वेबसाइट पर भी नए नाम को अपडेट किया जाएगा।
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