Rajnath Singh: जोधपुर में सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दो टूक संदेश देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पड़ोसी देश को ऐसा जवाब दिया गया जिसे भूल पाना आसान नहीं है. उन्होंने पहलगाम अटैक का हवाला देते हुए कहा कि आतंकियों ने उस समय टूरिस्ट का धर्म पूछकर उसे मौत के घाट उतारा.
सैनिकों का दृष्टिकोण
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि भारतीय सैनिक आतंकियों को कभी उनके धर्म या जाति देखकर नहीं मारते, बल्कि उनके अपराध और कुकर्म देखकर कार्रवाई करते हैं। उनका यह बयान न केवल पाकिस्तान के लिए चेतावनी है, बल्कि देशवासियों के लिए भरोसे का पैगाम भी है कि भारत अब किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगा।
सटीक लक्ष्य और जवाबी कार्रवाई
रक्षा मंत्री ने कहा कि “जो लक्ष्य तय किया गया था, सेना ने उसे सटीकता से भेदा।” उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि भारतीय सेना अब केवल जवाब नहीं देती, बल्कि दुश्मन की जमीन पर घुसकर उसे सबक सिखाने की क्षमता रखती है। यह वही संदेश है जिसने पहले सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय पाकिस्तान को हिला दिया था।
ऑपरेशन सिंदूर का मकसद और परिणाम
मई में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान और PoK में आतंकियों के ढांचे को नेस्तनाबूद करना था। इस अभियान में कई ठिकाने तबाह किए गए और कई बड़े आतंकी सरगना ढेर किए गए। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद यह निर्णय लिया गया था कि अब आतंकी कैंपों को सुरक्षित पनपने नहीं दिया जाएगा।
भारत की नैतिक पहचान और सख्त कदम
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की पहचान हमेशा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ यानी पूरी दुनिया को एक परिवार मानने वाली रही है। लेकिन जब आतंकवादी लोगों को धर्म पूछकर मारते हैं, तो भारत मजबूर होकर सख्त कदम उठाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ बदला नहीं था, बल्कि आतंक के खिलाफ निर्णायक अभियान था।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार और युवा शक्ति
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा में जो बदलाव दिख रहा है, वही भारत की असली ताकत है। नई सोच, नई नीतियों और आधुनिक ढांचे के साथ भारत का युवा भविष्य गढ़ रहा है।
