Rajnath Singh: आतंक और आतंकवादियों के खिलाफ राजनाथ सिंह का सख्त रुख, बोले-“जहां मिलेंगे आतंकी वहीं करेंगे सफाया….”

Mona Jha
Rajnath Singh
Rajnath Singh

Rajnath Singh:पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करने की बात कहते हुए कहा कि,आतंकवाद मानवता और शांति का सबसे बड़ा दुश्मन है।भारत आतंकी ठिकानों पर सीधी कार्रवाई करता है और पाकिस्तान जैसे प्रायोजक देशों को भी सख्त जवाब देता है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को मानवता और वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया है।उन्होंने कहा,भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर पूरी मजबूती से आगे बढ़ रहा है और आतंकियों के साथ-साथ उन्हें संरक्षण देने वाले देशों को भी कड़ा जवाब देने में पीछे नहीं हटता।

Read more : Elon Musk political party:ट्रंप और एलन मस्क के बीच दरार का नतीजा, Elon Musk ने बना ली पॉलिटिकल पार्टी! इतने प्रतिशत लोग सहमत?

आतंक के खिलाफ राजनाथ सिंह का सख्त रुख

अपने एक लेख में राजनाथ सिंह ने लिखा कि,भारत ने आतंक के खिलाफ जिस प्रकार की निर्णायक कार्रवाई की है, वह दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुकी है।उन्होंने आतंकवाद को हर दृष्टि से विनाशकारी बताया और कहा,भारत दशकों से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है।उन्होंने पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या को बर्बरता की पराकाष्ठा बताया और कहा…इस तरह की घटनाएं भारत की एकता को तोड़ने और देश में डर फैलाने की साजिश हैं लेकिन आतंकवादियों के ये प्रयास कभी सफल नहीं होंगे।

Read more : Bakra Eid 2025: देशभर में मनाया जा रहा बकरीद का त्योहार;कड़ी सुरक्षा के बीच अदा की गई नमाज,PM मोदी ने भी दी बधाई

आतंकी जहां मिलेंगे,उनका खात्मा किया जाएगा-रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री ने कहा कि,अब भारत की स्पष्ट नीति है- आतंकी जहां मिलेंगे,उनका खात्मा वहीं किया जाएगा। साथ ही,भारत अब आतंकियों और उन्हें समर्थन देने वाली सरकारों के बीच कोई भेद नहीं करता।उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उदाहरण देते हुए बताया कि,भारत आतंकियों के खिलाफ न सिर्फ कठोर कार्रवाई करता है बल्कि संपूर्ण उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है।राजनाथ सिंह ने वैश्विक समुदाय से अपील की कि,वह राजनीतिक स्वार्थों से ऊपर उठकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो।उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को भी चेताया कि,पाकिस्तान को दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज और ऋण किस तरह सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल होते हैं।

Read more : Yogini Ekadashi 2025: आषाढ़ की पहली एकादशी कब? यहां देखें दिन तारीख और पूजा विधि

Pak के परमाणु कार्यक्रम को IAEA की निगरानी में लाने की मांग

अंत में उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लाया जाना चाहिए, ताकि उसकी पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version