BJP Candidates List: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा की चार खाली सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने गुलाम मोहम्मद मीर, राकेश महाजन और सतपाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। यह उपचुनाव अनुच्छेद 370 हटने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद पहली बार हो रहा है, जिससे इसकी अहमियत और बढ़ गई है।
24 अक्टूबर को होगा मतदान
बताते चले कि, चुनाव आयोग (ECI) ने इस उपचुनाव के लिए अधिसूचना 24 सितंबर 2025 को जारी की थी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के 90 सदस्य 24 अक्टूबर को वोट डालेंगे। चुनाव जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 46 विधायकों का समर्थन जरूरी होगा। नामांकन प्रक्रिया 3 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 21 अक्टूबर तय की गई है।

चार सीटें लंबे समय से खाली
राज्यसभा की ये चार सीटें गुलाम नबी आजाद, मीर मोहम्मद फयाज, शमशेर सिंह और नजीर अहमद लावे के रिटायर होने के बाद से खाली थीं। इन सीटों को भरने के लिए लंबे समय से उपचुनाव की प्रतीक्षा की जा रही थी, जो अब आखिरकार 24 अक्टूबर को होने जा रहा है।
NC-कांग्रेस गठबंधन और BJP के बीच होगी सीधी टक्कर
इस उपचुनाव में बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC)-कांग्रेस गठबंधन के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन के तहत एक सीट कांग्रेस को दी है, हालांकि कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। एनसी ने अपने तीन उम्मीदवार—चौधरी मुहम्मद रज्जान, सज्जाद अहमद किचलू और शम्मी ओबेरॉय—की घोषणा कर दी है।
फारूक अब्दुल्ला नहीं लड़ेंगे चुनाव
राज्यसभा चुनाव के लिए फारूक अब्दुल्ला का नाम भी चर्चा में था, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते उन्होंने इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इससे गठबंधन में नए नामों को मौका मिला है।
असम, तमिलनाडु और पंजाब में भी हो रहे राज्यसभा चुनाव
राज्यसभा की रिक्त सीटों को भरने के लिए देशभर में द्विवार्षिक चुनाव हो रहे हैं। असम से कणाद पुरकायस्थ (BJP) और बीरेंद्र प्रसाद बैश्य (AGP) निर्वाचित हो चुके हैं। तमिलनाडु से एम. धनपाल, आईएस इनबादुरई (AIADMK), एसआर शिवलिंगम और पी. विल्सन (DMK) तथा अभिनेता कमल हासन (MNM) भी राज्यसभा पहुंचे हैं। अब जम्मू-कश्मीर की चार और पंजाब की एक सीट के लिए मतदान 24 अक्टूबर को होना है।
इस बार जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक तौर पर भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह अनुच्छेद 370 हटने के बाद का पहला चुनाव है। सभी राजनीतिक दलों की नजर इस मुकाबले पर टिकी है।
