Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि बहन-भाई के रिश्ते की मजबूती का प्रतीक है। खेल की दुनिया में भी कई महिला खिलाड़ियों के पीछे उनके भाइयों का अहम योगदान रहा है। आइए जानते हैं उन 5 महिला क्रिकेटरों के बारे में, जिनकी सफलता में उनके भाइयों की भूमिका बेहद खास रही है।
स्मृति मंधाना के भाई श्रवण

भारतीय महिला क्रिकेट की स्टाइलिश बल्लेबाज स्मृति मंधाना के भाई का नाम श्रवण मंधाना है। बचपन में श्रवण भी क्रिकेट खेला करते थे, लेकिन उन्होंने बहन के करियर को प्राइयोरिटी दी और वो आज एक सफल बिजनेसमैन हैं। स्मृति ने साल 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था और आज उन्हें दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला क्रिकेटरों में शुमार किया जाता है।
मिताली राज के भाई मिथुन

वहीं दूसरी तरफ, भारत की पूर्व महिला कप्तान मिताली राज के भाई मिथुन राज, भारतीय वायु सेना में काम करते हैं। मिताली के करियर को शुरू से संवारने में मिथुन का बड़ा योगदान रहा है। मिताली को ‘महिला क्रिकेट का सचिन’ कहा जाता है। उन्होंने 2005 से 2022 तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी की और 8 जून 2022 को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया।
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हरमनप्रीत कौर के भाई गुरजीत

इसके साथ ही, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की मौजूदा कप्तान हरमनप्रीत कौर के भाई का नाम गुरजीत सिंह है, जो कि एक बिजनेसमैन हैं और हरमनप्रीत के क्रिकेट सफर में उनका अहम रोल रहा है। वहीं, साल 2016 से हरमनप्रीत T20 टीम की कप्तान हैं और मिताली राज के रिटायरमेंट के बाद वनडे व टेस्ट टीम की भी कमान संभाल रही हैं।
शेफाली वर्मा के भाई साहिल

दरअसल, कम उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में पहचान बनाने वाली शेफाली वर्मा के भाई साहिल वर्मा खुद भी क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन बहन को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने सपनों को पीछे छोड़ दिया। साहिल आज शेफाली की ट्रेनिंग में मदद करते हैं। शेफाली ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में डेब्यू किया था और 2023 में अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम की कप्तानी करते हुए भारत को जीत दिलाई।
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दीप्ति शर्मा के भाई सुमित

ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के भाई सुमित शर्मा पेशे से क्रिकेट कोच हैं और दीप्ति की शुरुआती ट्रेनिंग उन्होंने ही दी थी। दीप्ति ने 2014 में डेब्यू किया और आज वनडे क्रिकेट में 2392 रन और 136 विकेट के साथ एक भरोसेमंद ऑलराउंडर के रूप में स्थापित हो चुकी हैं।
