Ram Darbar Pran Pratistha: प्रभु राम की नगरी अयोध्या एक बार फिर से भक्ति के रंग में रंगने को तैयार है। राम मंदिर में 3 जून से 5 जून तक भव्य प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित होगा। इस दौरान राम दरबार समेत कुल 6 उपमंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस महोत्सव का आयोजन आज यानी 2 जून से हो चुका है।
इन दिनों राम मंदिर की भव्यता शिखर पर है। मंदिरों के शिखरों पर स्वर्ण कलशों की स्थापना भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। नृत्य मंडप, रंग मंडप, मूढ़ी मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप के शिखर स्वर्णमंडित हो चुके हैं। अहमदाबार से आए कारीगरों ने मुंबई के उद्यमियों के सहयोग से यह कार्य तेजी पूर्ण हुआ है।

भव्य कलश यात्रा का आयोजन
इस भव्य आयोजन का आरंभ 2 जून को मां सरयू की पूजा अर्चना के साथ हो चुका है। इसके बाद तुलसीदास घाट से एक भव्य कलश यात्रा निकलेगी जो कि लता चौक, रामपथ, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल और रंगमहल होते हुए यज्ञशाला तक पहुंची। इस यात्रा को आध्यात्मिक ऊर्जा का स्तोत्र माना गया है।
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पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 3 जून को विधिवत पूजन और अनुष्ठान का आरंभ होगा। इसके बाद 3 और 4 जून को सुबह 6 बजकर 30 मिनट से शाम तक पूजा और धार्मिक कार्यक्रम संपन्न होंगे।
मुख्य पूजा 5 जून को सुबह 6 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 20 मिनट के बीच पूरी की जाएगी। इसके बाद 11 बजकर 25 मिनट से राम दरबार और छह उपमंदिरों में सभी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। दोपहर 1 बजे तक पूजा, भोग और आरती के साथ इस समाराहे का समापन हो जाएगा।
आपको बता दें कि प्रभु राम के मंदिर के प्रथम तट पर राजा राम की प्रतिमा उनके भाईयों लक्ष्मण, भारत, शत्रुघ्न, माता सीता और भक्त हनुमान के साथ प्रतिष्ठित की जाएगी। यह स्वरूप राजाराम का होगा। साथ ही परकोटे के 6 मंदिरों में भी विविध देवताओं की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
इन मंदिरों में ईशान कोण में शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा अग्निकोण में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की स्थापना होगी। इसके अलावा दक्षिणी भुजा महाबली हनुमान जी की होगी। नैऋत्यु कोण में भगवान सूर्यदेव होंगे। इसके अलावा वायव्य कोण में मां भगवती निवास करेंगी।
विशेष अतिथि
मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 जून को रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा और सरयू जयंती के उत्सव में शामिल होकर इसका शुभारंभ करेंगे। यह उत्सव 5 जून से 11 जून तक चलेगा। जिसमें 11 जून यानी पूर्णिमा के दिन विशेष आरती का आयोजन होगा।

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