Ram Mandir Remarks: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर मंगलवार को ध्वज फहराए जाने की घटना को लेकर पाकिस्तान ने आपत्ति जताते हुए भारत पर ‘इस्लामोफोबिया’ का आरोप लगाया और यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल खड़ा कर दिया। पाकिस्तान के इस अनावश्यक बयान पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को कहा कि हम पाकिस्तान की तरफ से आए इस बयान की निंदा करते हैं और इसे सिरे से खारिज करते हैं।
Ram Mandir Remarks: विदेश मंत्रालय का जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसका अपने अल्पसंख्यकों के दमन, कट्टरता और व्यवस्थित बुरे बर्ताव का गहरा दागदार रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे रिकॉर्ड वाले देश के पास दूसरों को लेक्चर देने का कोई नैतिक आधार नहीं है। प्रवक्ता ने पाकिस्तान को सलाह दी कि “खोखले उपदेश देने के बजाय, पाकिस्तान के लिए बेहतर होगा कि वह अपने अंदर झांके और अपने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान दे।”
Ram Mandir Remarks: पाकिस्तान ने क्या कहा था: अल्पसंख्यकों के दमन का दावा
विदेश मंत्रालय की यह तीखी टिप्पणी तब आई जब पाकिस्तान ने मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर पर झंडा फहराने पर अपनी आपत्ति सार्वजनिक की थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में दावा किया था कि यह घटना भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते दबाव और मुस्लिम विरासत को मिटाने की कोशिश का एक हिस्सा है। पाकिस्तान ने यह भी आरोप लगाया था कि भारत में मुस्लिमों को प्रताड़ित किया जा रहा है, जिस पर भारत ने सख्त ऐतराज जताया है।
राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण
गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराया। इस ध्वजारोहण के साथ ही राम मंदिर का औपचारिक निर्माण पूरा हो गया। पीएम मोदी ने इस अनुभव को ‘दिल को छू लेने वाला’ बताया।
मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर ध्वजारोहण को ‘युगांतकारी’ (Epoch-making) क्षण की संज्ञा देते हुए अपने संबोधन में कहा कि ‘सदियों के जख्म और दर्द भर रहे हैं’ क्योंकि 500 साल पुराना संकल्प आखिरकार राम मंदिर के औपचारिक निर्माण के साथ पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि “राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, एक मूल्य हैं, एक मर्यादा हैं।” पीएम मोदी का यह बयान इस ऐतिहासिक अवसर के महत्व और इसके पीछे निहित सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाता है। यह भव्य ध्वजारोहण भारत की आस्था और कानूनी प्रक्रिया के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
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