Ramdas Athawale : केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने हाल ही में राजनीति की वर्तमान स्थिति पर कड़ा तेवर दिखाते हुए कहा कि आज की राजनीति पूरी तरह से उल्टी दिशा में चल रही है और इसमें नैतिकता का बिल्कुल भी नामोनिशान नहीं है। उन्होंने विशेष रूप से बिहार और महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन जगहों पर हो रही बेतुकी बातों को पहले कभी नहीं देखा गया।
राजनीति में नैतिकता का अभाव
रामदास अठावले ने कहा, “आजकल राजनीति पूरी तरह से उल्टी हो गई है, जिसमें नैतिकता का नामोनिशान नहीं है। बिहार, महाराष्ट्र में भी बहुत सी बेतुकी बातें हो रही हैं, जो पहले कभी नहीं होती थीं।” उनका यह बयान वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य की गिरती हुई नैतिकता और असंयम की ओर एक गंभीर चेतावनी है।
राहुल गांधी पर तंज
रामदास अठावले ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आरोप लगाने में माहिर हो गए हैं, लेकिन इससे उनकी पार्टी को कोई फायदा नहीं हो रहा। अठावले ने यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी सच बोलते और विपक्षी नेता के रूप में जिम्मेदारी से भूमिका निभाते, तो वे एक अच्छे नेता बन सकते थे।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाते रहते हैं, जबकि उनकी मां का अपमान करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।” इस टिप्पणी के जरिए अठावले ने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता और उनकी पार्टी के भविष्य पर सवाल उठाए।केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पार्टी के भविष्य को लेकर भी निराशावादी रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है। उनका मानना है कि वर्तमान में कांग्रेस नेतृत्व की कमजोर स्थिति और आंतरिक संघर्ष पार्टी की छवि और राजनीतिक प्रभाव को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
राजनीति में सकारात्मक बदलाव की जरूरत
रामदास अठावले के इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय राजनीति में आज नैतिकता, जवाबदेही और सकारात्मक नेतृत्व की बड़ी जरूरत है। वे यह संकेत देते हैं कि विपक्षी दलों को अपनी भूमिका बेहतर ढंग से निभानी होगी और देशहित को सर्वोपरि रखना होगा। रामदास अठावले के बयान राजनीति में व्याप्त नैतिक गिरावट और विपक्ष के नेतृत्व की चुनौतियों पर एक सशक्त टिप्पणी हैं। उनका मानना है कि देश की राजनीति में सुधार तभी संभव होगा जब नेताओं में सच्चाई, जिम्मेदारी और नैतिकता का समावेश होगा। राहुल गांधी और कांग्रेस को यदि देश में पुनः मजबूत विपक्ष बनना है, तो उन्हें अपने दृष्टिकोण और कार्यशैली में बड़े बदलाव की आवश्यकता है।
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