Rapist Escapes Jail : जेल से भागने की कोशिश असफल रहा । गिरफ्तारी से बचने बलात्कार-हत्या के आरोपी ने कुएं कूद गया । फिर भी वो वापस लौटकर जेल पहुंचा। दरअसल बल्ताकर और हत्या के मामले में दोषी ठहराया गए अपराधी के जेल से भागने में एक नया मोड़ आया। आजीवन उम्र कैद की सजा पाए अपराधी ने जेल के सुरक्षाकर्मीयों की आंखों में धूल झोंकते हुए दीवार फांदने के बाद भी भाग नहीं पाया! कुछ ही घंटों में पुलिस ने उसे एक कुएँ से पकड़ लिया और वापस जेल में डाल दिया।
इलाके में शुरू हुई व्यापक तलाशी
गोविंदचामी उर्फ चार्ली थॉमस शुक्रवार सुबह केरल के कन्नूर स्थित केंद्रीय सुधार संस्थान से भाग निकला। सुबह जेल प्रहरियों ने उसकी कोठरी खाली देखी। तलाशी शुरू हुई। कुछ ही मिनटों में जेल अधिकारियों को पता चल गया कि चार्ली जेल से भाग गया है। उसी समय, जेल का अलार्म बज गया। दोषियों को उनकी संबंधित कोठरियों में डाल दिया गया। स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया। इसके बाद पूरे इलाके में चार्ली की तलाश शुरू हुई। न केवल पुलिस, बल्कि स्थानीय लोग भी तलाशी में शामिल हो गए।
कुएँ में छिपा बैठा था फरार कैदी
चार्ली शुक्रवार सुबह लगभग 4 बजे कन्नूर सुधार संस्थान की 15 फुट ऊंची दीवार फांदकर भाग निकला। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच करके और उसकी गतिविधियों पर नजर रखकर उसकी तलाश की। कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने चार्ली को भागते हुए कैसे देखा। आखिरकार, पुलिस ने उसे एक खाली पड़े घर के कुएं से बचाया।
मौत की जगह आजीवन कारावास दिया
2011 में कोच्चि से शोरानूर जा रही एक 23 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। उस घटना के तुरंत बाद, पुलिस ने आरोपी चार्ली को गिरफ्तार कर लिया। वह एक विकलांग व्यक्ति है। वह बैसाखी के सहारे चलता है। इस घटना ने उस दक्षिणी भारतीय राज्य में खलबली मचा दी। आरोपी पर एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया गया। 2012 में, अदालत ने चार्ली को दोषी पाया और उसे मौत की सजा सुनाई। उस फैसले को चुनौती देते हुए, चार्ली ने केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा गया। बाद में, जब उसने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की, तो उसने मृत्युदंड के बजाय आजीवन कारावास का आदेश दिया।