Rau IAS coaching centre Incident: यूपी की श्रेया यादव को परिवारवालों ने दी नम आंखों से अंतिम विदाई

Akanksha Dikshit
Rau IAS coaching centre

Delhi Coaching Centre: राजधानी दिल्ली में शनिवार को राऊ IAS कोचिंग सेंटर (Rau IAS coaching centre) के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की दर्दनाक मौत हो गई। इन तीन मृतकों में उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जनपद की श्रेया यादव भी शामिल थीं। सोमवार सुबह श्रेया के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार टांडा तहसील के महादेवा घाट पर किया गया। रविवार शाम को श्रेया का पार्थिव शरीर अकबरपुर तहसील के हासिमपुर बरसावां गांव पहुंचा। श्रेया के पार्थिव शरीर को देखने के लिए गांव में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। IAS बनने का सपना लेकर दिल्ली गई बेटी की इस दुखद मृत्यु ने परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है।

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नम आंखों से दी अंतिम विदाई

सोमवार सुबह श्रेया को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। टांडा तहसील के सरयू नदी के तट पर स्थित महादेवा घाट पर श्रेया के पिता राजेंद्र यादव ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। इस दौरान, घाट पर भी लोगों की भारी भीड़ मौजूद रही और सभी श्रेया के अचानक चले जाने से दु:खी थे। श्रेया ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने के बाद सुल्तानपुर के केएनआई से बीएससी और एमएससी की डिग्री हासिल की थी। वह बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी और सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती थी। श्रेया का IAS अधिकारी बनने का सपना था और वह इसे पूरा करने के लिए जी-जान से मेहनत कर रही थी।

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पिता ने बहुत संघर्षों से पढ़ाया-लिखाया

श्रेया के पिता राजेंद्र यादव ने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए मई माह में ही दिल्ली के प्रतिष्ठित राऊ IAS कोचिंग सेंटर में उसका प्रवेश करवाया था। रोजाना की तरह ही श्रेया 27 जुलाई को भी कोचिंग गई थी। कोचिंग के बेसमेंट में अन्य अभ्यर्थियों के साथ पढ़ाई के दौरान अचानक बारिश का पानी बेसमेंट में घुस गया, जिसके चलते श्रेया समेत तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई। उम्मीद है कि प्रशासन और कोचिंग सेंटर की लापरवाही की पूरी जांच होगी और दोषियों को उचित सजा मिलेगी। श्रेया की कहानी हमें यह सिखाती है कि हर सपना कीमती है और इसे सुरक्षित वातावरण में पनपने का अधिकार है।

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परिवार में शोक की लहर

राजेंद्र यादव की तीन संतानों में श्रेया दूसरे नंबर पर थी। बड़े भाई अभिषेक ने केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा से मास कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री हासिल की है, जबकि तीसरा भाई अवनीष शिवजी कुशलावती इंटर कॉलेज पलई कल्याणपुर में कक्षा सात में पढ़ रहा है। इकलौती बहन के अचानक चले जाने से परिजनों के साथ ही दोनों भाइयों का भी हाल बेहाल है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि शिक्षा के क्षेत्र में भी सुरक्षा को अनदेखा नहीं किया जा सकता। कोचिंग सेंटर और शैक्षणिक संस्थानों को अपने छात्रों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय करने चाहिए।

श्रेया जैसी होनहार और मेहनती छात्रा की दु:खद मृत्यु ने न केवल उसके परिवार को, बल्कि पूरे समाज को गहरे शोक में डाल दिया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जाए।

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