Dussehra 2025: दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख और पावन त्योहार है, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। यह त्योहार उस ऐतिहासिक दिन की याद में मनाया जाता है, जब भगवान श्रीराम ने लंकेश्वर रावण का वध किया था। भारत में यह पर्व अत्यंत श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस साल दशहरे का त्योहार 2 अक्टूबर दिन गुरुवार यानी आज धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ मुस्लिम बहुल देशों में भी यह पर्व मनाया जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा उन्हीं देशों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
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पाकिस्तान में दशहरा उत्सव

पाकिस्तान में भले ही मुस्लिम आबादी बहुमत में हो, लेकिन सिंध, कराची और लरकाना जैसे क्षेत्रों में हिंदू समुदाय की बड़ी आबादी रहती है। यहाँ दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन रामलीला का आयोजन, मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ और रावण दहन जैसे पारंपरिक आयोजन होते हैं। इन आयोजनों में हिंदू समुदाय के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी शामिल होते हैं, जो आपसी भाईचारे का प्रतीक है।
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के साथ दशहरा
बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन यहाँ भी हिंदू समुदाय बड़ी संख्या में निवास करता है। दशहरा यहाँ दुर्गा पूजा के समापन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन बड़े जुलूस के साथ होता है। यह दिन महिषासुर पर देवी की विजय का प्रतीक होता है। लेकिन यहां रावण दहन जैसी परंपरा नहीं होती, परन्तु अच्छाई की बुराई पर विजय का संदेश एक जैसा ही होता है।
इंडोनेशिया में रामायण से जुड़ी परंपराएं
इंडोनेशिया, विशेषकर बाली और जावा द्वीपों में, दशहरा एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। दशहरे पर यहां रामलीला का मंचन, कठपुतली नाटक,और रावण के पुतले का दहन, यहाँ परंपरागत रूप से आयोजित होते हैं। इंडोनेशिया भले ही मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन यहां की संस्कृति में रामायण और महाभारत जैसी हिंदू महाकाव्य गहराई से रचे-बसे हैं। यही कारण है कि दशहरा जैसी परंपराओं को यहाँ आज भी सहेजा गया है।
श्रीलंका में दशहरे की धूम

श्रीलंका, जो रावण की लंका के रूप में रामायण में वर्णित है, वहाँ भी दशहरा मनाया जाता है यहा विशेष रूप से तमिल हिंदू समुदाय द्वारा यह पर्व मनाते हैं। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना होती है। रामायण के नाटकीय मंचन और रावण दहन, यहाँ की प्रमुख गतिविधियाँ हैं। यह पर्व भगवान राम की धर्म परायणता और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का प्रतीक बनकर लोगों को प्रेरित करता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

