Ravindra Jadeja : लंबे समय बाद बल्ले से अच्छा प्रदर्शन। 89 रनों की शानदार पारी। निचले क्रम की नाकामी को लेकर पहले टेस्ट में हो रही सभी आलोचनाओं का जवाब। इतना कुछ साथ में करने के बावजूद टीम इंडिया का सीनियर क्रिकेटर विवादों में है। क्योंकि, उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद भारतीय क्रिकेटरों में अनुशासन लाने के लिए BCCI द्वारा दिए गए 10 सूत्रीय दिशा-निर्देशों को तोड़ा।
BCCI ने जारि किया था 10 निर्देश
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद बीसीसीआई ने भारतीय टीम में अनुशासन लाने के लिए कुल 10 दिशा-निर्देश जारी किए थे। उस दिशा-निर्देश में कहा गया था कि सभी क्रिकेटरों को टीम के साथ ही यात्रा करनी होगी। चाहे मैच हो या अभ्यास, क्रिकेटर अलग से या अपने परिवार के साथ यात्रा नहीं कर सकेंगे। क्रिकेटरों और उनके परिवारों के लिए अलग-अलग यात्रा व्यवस्था टीम की एकता को नष्ट करती है। सुनने में आ रहा है कि जडेजा ने उस नियम को तोड़ा है।
मैदान पर अकेले चले गए थे जडेजा
एजबस्टन में दूसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले भारतीय क्रिकेट के Sir टीम बस से पहले अकेले मैदान पर चले गए थे। जो कि बोर्ड के फतवे की निर्देश का उल्लंघन है। दरअसल, जडेजा दूसरे टेस्ट के पहले दिन के खेल के अंत में 41 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। वह दूसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले नेट्स में कुछ अतिरिक्त अभ्यास करना चाहते थे। इसी वजह से बाएं हाथ का यह ऑलराउंडर पहले मैदान पर पहुंच गया।
जडेजा को नहीं मिलेगा सजा
हालांकि, जडेजा को इस नियम को तोड़ने के लिए सजा नहीं दी जा रही है। क्योंकि उन्होंने बोर्ड से कहा था कि उन्होंने नियम तोड़कर उनसे पहले मैदान पर पहुंचने का एकमात्र कारण अभ्यास करना था। उन्हें लगा कि नई गेंद को संभालने के लिए उन्हें अतिरिक्त अभ्यास की जरूरत है। इसलिए उस नियम को तोड़ना टीम के हित में था। इसके अलावा, बोर्ड के नियमों में कहा गया है कि कोई क्रिकेटर कोच या सहयोगी स्टाफ की अनुमति से टीम से अलग यात्रा कर सकता है। इस मामले में, माना जा रहा है कि जडेजा ने गौतम गंभीर की अनुमति भी ली थी।
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