RBI MPC Interest Rates Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद रेपो दर में 25 आधार अंकों (0.25%) की कटौती का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद रेपो दर 5.50% से घटकर 5.25% पर आ गई है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को यह घोषणा की और कहा कि यह कदम विकास दर को गति देने के लिए आवश्यक था।
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विशेषज्ञों का अनुमान सही साबित हुआ

विशेषज्ञों ने पहले ही ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई थी। खुदरा महंगाई में गिरावट और स्थिर विकास दर ने इस कटौती की गुंजाइश बनाई। फरवरी से जून तक आरबीआई ने तीन चरणों में कुल 1% की कटौती की थी। हालांकि अगस्त और सितंबर-अक्तूबर की बैठकों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। गवर्नर ने पिछले महीने ही संकेत दिया था कि नीतिगत दरों में और कटौती की संभावना बनी हुई है।
सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय
मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्य इस कटौती पर सहमत थे। गवर्नर ने कहा कि ग्रोथ को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए यह कदम जरूरी था। खुदरा मुद्रास्फीति में तेज गिरावट ने दरों में कटौती की अतिरिक्त गुंजाइश दी है।
EMI पर सीधा असर
रेपो दर में कटौती का सीधा असर लोन की ईएमआई पर पड़ता है। अगर किसी ने 50 लाख रुपये का होम लोन 8.5% ब्याज दर पर 20 साल के लिए लिया है, तो पहले उसे 43,391 रुपये की ईएमआई देनी पड़ती थी। अब ब्याज दर 8.25% हो जाने पर नई ईएमआई 42,603 रुपये होगी। यानी हर महीने 788 रुपये की बचत होगी और साल भर में कुल 9,456 रुपये की बचत होगी।
इसी तरह, अगर किसी ने 5 लाख रुपये का कार लोन 12% ब्याज दर पर लिया है, तो पहले ईएमआई 11,282 रुपये थी। अब ब्याज दर घटकर 11,149 रुपये हो जाएगी। इसमें हर महीने 133 रुपये और साल भर में 1,596 रुपये की बचत होगी।
आर्थिक दृष्टिकोण
रेपो दर में कटौती से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि निवेश और खर्च को भी बढ़ावा मिलेगा। ब्याज दरें घटने से बॉन्ड कम आकर्षक हो जाते हैं और निवेशक सोने या अन्य सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं। इससे बाजार में तरलता बढ़ती है और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलती है।
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