RBI MPC Meeting:आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक सोमवार को शुरू हुई थी, और यह नए वित्तीय वर्ष की पहली समीक्षा बैठक थी। इस बैठक में अहम फैसले लिए गए, जिनका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधे तौर पर पड़ने वाला है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।
Read more :Repo Rate: RBI की रेपो रेट कटौती से बैंक लोग पर पड़ेगा असर ? जानिए क्या आपको मिलेगा इसका फायद…
रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती
आरबीआई ने अपनी बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करने का फैसला किया है। यह लगातार दूसरी बार है, जब रेपो रेट में कटौती की गई है। इससे पहले फरवरी में भी 25 आधार अंकों की कटौती की गई थी, जो पिछले पांच सालों में पहली बार थी। अब, रेपो रेट 6 फीसदी हो गया है।रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इस दर में कमी आने से बैंकों को सस्ते दर पर पैसे मिलते हैं, जिससे आम जनता को होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन जैसे कर्ज पर ब्याज दरों में कमी देखने को मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप, लोन की किस्तें भी कम हो जाएंगी, जिससे नागरिकों को आर्थिक राहत मिलेगी।
Read more :Gold Rate Today: सोने की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी, चांदी की कीमतों में गिरावट, जानिए ताजा भाव
एमपीसी ने सर्वसम्मति से लिया फैसला
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में कटौती का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत काफी उथल-पुथल के साथ हुई है और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल है। हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था ने स्थिरता और विकास के मामलों में अच्छी प्रगति की है, और यह निरंतर सुधार की दिशा में आगे बढ़ रही है।गवर्नर ने यह भी कहा कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव आ रहा है, खासकर अमेरिकी शुल्क और अन्य वैश्विक कारकों के कारण। फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी गति से बढ़ रही है और यह लक्ष्यों के अनुरूप विकास कर रही है।
Read more :Vodafone Idea Share: वोडाफोन आइडिया में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी, कंपनी के संकट का निकलेगा हल ?
आर्थिक वृद्धि और महंगाई दर का अनुमान
- आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2025 में भारत की रियल जीडीपी वृद्धि दर को 6.5% रहने का अनुमान जताया है। पहले यह अनुमान 6.7% था, लेकिन अब इसे थोड़ा संशोधित किया गया है। इस दौरान विभिन्न तिमाहियों के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान इस प्रकार है:
- पहली तिमाही: 6.5%
- दूसरी तिमाही: 6.7%
- तीसरी तिमाही: 6.6%
- चौथी तिमाही: 6.3%
- इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2026 में महंगाई दर 4% रहने का अनुमान है, जो पहले के 4.2% के अनुमान से कम है। महंगाई दर के अनुमान के मुताबिक, पहली तिमाही में महंगाई 3.6%, दूसरी तिमाही में 3.9%, तीसरी तिमाही में 3.8%, और चौथी तिमाही में 4.4% रहने की संभावना है।