Tamil Nadu Politics: भाजपा नेता से पुरस्कार लेने से इनकार ! DMK मंत्री के बेटे की घटना पर चर्चा में ‘तमिल अस्मिता’

Chandan Das
Tamil

Tamil Nadu Politics: तामिलनाडु की राजनीति एक बार फिर “तमिल अस्मिता'” और “भाजपा विरोध” को लेकर चर्चा में है। इस बार मुद्दा खेल जगत से जुड़ा है, लेकिन असर राजनीतिक गलियारों में महसूस किया जा रहा है। 51वें राज्य निशानेबाजी प्रतियोगिता के दौरान एक वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। दरअसल तमिलनाडु भाजपा नेता अन्नामलाई पुरस्कार वितरण कर रहे थे । तमिलनाडु में DMK शासित सरकार के एक मंत्री के बेटे ने उनसे पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया! 51वें राज्य निशानेबाजी खेल की घटना के वायरल वीडियो को लेकर तमिल अस्मिता और भाजपा का विरोध फिर से चर्चा में है।

क्या हुआ मंच पर?

तामिलनाडु के पूर्व भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई राज्य निशानेबाजी प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे । वह पुरस्कार विजेताओं को पदक से सम्मानित कर रहे थे। तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा के बेटे सूर्य राजा बालू ने वहां पुरस्कार ग्रहण किया। लेकिन जब पुरस्कार लेने की उनकी बारी आई, तो काफी हंगामा हुआ। वायरल वीडियो में सूर्या ने तब मना कर दिया जब अन्नामलाई उन्हें पदक पहनाना चाहते थे। पदक उनके गले में डालने के बजाय वह हाथ पकड़कर मंच से चले गए। स्वाभाविक रूप से भीड़ भरे मंच पर पुरस्कार वितरण को लेकर विवाद शुरू हो गया है। खासकर तब जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हिंदी आक्रामकता के विरोध में मुखर हैं। डीएमके नेता तमिल पहचान को हथियार बनाकर भाजपा का विरोध कर रहे हैं।

जोसेफ ने भी राज्यपाल से डिग्री लेने से किया था इनकार

गौरतलब है कि कुछ हफ्ते पहले तमिलनाडु के मनोमण्यम सुंदरारा विश्वविद्यालय में भी ऐसी ही एक घटना घटी थी। पीएचडी छात्रा जीन जोसेफ ने दीक्षांत समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि से अपनी डिग्री लेने से इनकार कर दिया था। उनकी राज्यपाल से शिकायत थी “आरएन रवि तमिलनाडु के लोगों के ख़िलाफ हैं। उन्होंने तमिलों के लिए कुछ नहीं किया है। इसके बजाय उन्होंने कुलपति से प्रमाणपत्र स्वीकार कर लिया।” उस समय अन्नामलाई ने इस घटना का विरोध करते हुए कहा था “डीएमके नेता स्कूलों और कॉलेजों में घृणित राजनीति शुरू कर रहे हैं। वे ये घटिया नाटक करके अपना नाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं।” संयोग से, कुछ ही हफ़्तों में वह उस ‘नाटक’ का हिस्सा बन गईं।

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