Regional Rural Bank: देश के ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को बेहतर और किफायती बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने ‘वन स्टेट, वन RRB’ नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत देशभर में कार्यरत 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (Regional Rural Banks – RRBs) को मर्ज कर 28 बैंक बनाए जाएंगे।
यह नई व्यवस्था 1 मई 2025 से लागू होगी।इस बदलाव के तहत आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में अब प्रत्येक राज्य में केवल एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होगा। इस कदम का उद्देश्य बैंकिंग संचालन को अधिक प्रभावी और मजबूत बनाना है।
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सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार
- आंध्र प्रदेश में चार बैंकों का विलय कर ‘आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक’ बनाया जाएगा, जिसका हेड ऑफिस अमरावती में रहेगा। स्पॉन्सर बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया होगा।
- उत्तर प्रदेश में बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथम यूपी ग्रामीण बैंक को मिलाकर ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक’ बनाया जाएगा, जिसका मुख्यालय लखनऊ में होगा।
- पश्चिम बंगाल में बंगिया ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तर बंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक मिलकर ‘पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक’ बनाएंगे।
- बिहार में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का मर्जर कर ‘बिहार ग्रामीण बैंक’ स्थापित होगा। इसे पंजाब नेशनल बैंक स्पॉन्सर करेगा।
- गुजरात में बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक का विलय कर ‘गुजरात ग्रामीण बैंक’ बनाया जाएगा।
- जम्मू-कश्मीर में जे एंड के ग्रामीण बैंक और एल्लाक्कई देहाती बैंक मिलकर ‘जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक’ बनाएंगे।
- इसी तरह कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में भी दो-दो आरआरबी का विलय कर एक-एक नया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा।
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ग्राहकों को प्रोफेशनल सर्विस की सुविधा
सरकार के इस फैसले के बाद प्रत्येक नए बैंक की अधिकृत पूंजी 2,000 करोड़ रुपये होगी। नए बैंकों का प्रबंधन और संचालन पहले की तुलना में अधिक कुशल होगा। ग्राहकों को अब ज्यादा प्रोफेशनल सर्विस, तेज ऋण स्वीकृति और बेहतर डिजिटल सुविधाएं मिलने की उम्मीद है।