Reliance Share: आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसके बाद इनकी कीमत 15 महीने के निचले स्तर 1,161.40 रुपये तक गिर गई। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण शेयर बाजारों में तेज बिकवाली बताया जा रहा है, जो कंपनी के शेयर में दबाव डाल रही है। मार्केट कैपिटल के हिसाब से भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमत 4 फरवरी से लेकर अब तक 10 प्रतिशत तक गिर चुकी है। फिलहाल यह शेयर 13 नवंबर 2023 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। बीते छह महीनों में बीएसई सेंसेक्स में जहां 11.5 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 22 प्रतिशत की गिरावट के साथ बाजार में कमजोर प्रदर्शन किया है।
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रिलायंस पर जुर्माने का खतरा

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज को एक बैटरी सेल प्लांट स्थापित करने में विफल रहने के कारण जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। भारत सरकार ने 2022 में बैटरी सेल निर्माण के लिए बोली मंगवायी थी, जिसमें रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड ने बोली जीती थी। हालांकि, समय सीमा चूकने के कारण कंपनी पर 125 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
आरआईएल का कमजोर प्रदर्शन
इस बीच, रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में ब्रोडर बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स से कमजोर रहा है। 2024 में रिलायंस ने पहली बार एक कैलेंडर वर्ष में नेगेटिव रिटर्न दिया है, जो पिछले दस सालों में पहली बार हुआ है। विश्लेषकों के अनुसार, इसकी वजह रिलायंस रिटेल में ग्रोथ में कमी और कमजोर रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल दरों के कारण निरंतर घटती आय है।
ब्रोकरेज फर्म ने दिखाया स्टॉक के लिए सकारात्मक रुख

हालांकि, स्टॉक में भारी गिरावट के बाद, ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि स्टॉक का रिस्क-रिवॉर्ड अब आकर्षक हो गया है। उनका मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टॉक अब अपने बियर केस वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहा है, जिससे निवेशकों के लिए अवसर उत्पन्न हो सकता है।
रिलायंस का मुनाफा बढ़ा, लेकिन बाजार में दबाव कायम

रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा दिसंबर तिमाही में 7.4 प्रतिशत बढ़कर 18,540 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कंपनी के ऊर्जा, रिटेल और डिजिटल सर्विस सेक्टर में मजबूत प्रदर्शन के कारण मुनाफे में यह वृद्धि हुई। कंपनी का ऑपरेशंस से रेवेन्यू अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में 2.27 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.43 लाख करोड़ रुपये हो गया।
तिमाही में कंपनी का कुल राजस्व 2.67 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 7.7 प्रतिशत ज्यादा है। इसके अलावा, रिलायंस का एबिटा (EBITDA) 7.8 प्रतिशत बढ़कर 48,003 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, इन सकारात्मक आंकड़ों के बावजूद कंपनी का शेयर बाजार में कमजोर प्रदर्शन जारी है।