कुम्हार समाज को राहत, हरियाणा में बर्तन उद्योग के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी

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चंडीगढ़ 
 प्रदेश में नगर निगमों, परिषद एवं पालिकाओं में शामिल गांवों में भी कुम्हार समाज के लोगों को बर्तन बनाने पकाने के लिए निर्धारित जमीन के आबंटन पत्र देने पर सरकार विचार कर रही है। निकाय विभाग ने पिछले दिनो सभी संबंधित 87 इकाइयों में पत्र लिख कर गांवों में आंवे पंजावें या कुम्हारधाना के लिए आरक्षित भूमि की रिपोर्ट मांगी है।

सरकार द्वारा अगस्त माह 2025 में प्रदेश के सभी गांवों में कुम्हार समाज के नागरिकों को बर्तन बनाने एवं पकाने के लिए जमीन के आबंटन पत्र वितरित किए गए थे तब यह आवाज उठने लगी थी कि विशेषकर नगर निगम में शामिल गांवों में भी यह सुविधा प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार एवं वर्तमान में सोनीपत के मेयर राजीव जैन ने इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए 18 अगस्त 2025 को पत्र भेजा था।

राजीव जैन ने पत्र में लिखा था कि शहरों में भी समाज के लोग बर्तन बनाने एवं पकाने का काम करते हैं जिनके लिए कोई जगह उपलब्ध नहीं है, यह काम उन्हें सडक़ों पर करना पड़ता है। इस कारण वायु प्रदूषण तो फैलता ही है साथ में सडक़ पर भी रुकावटें खड़ी होती हैं।

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