भारत के गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को दिल्ली में आयोजित परेड हमेशा ही एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अवसर होता है। इस साल भी भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों, स्कूलों और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देशवासियों को एकजुट किया। लेकिन इस वर्ष की परेड में एक खास दृश्य देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सभी मंत्री एक साथ खड़े हो गए। यह क्षण न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह एक ऐतिहासिक प्रतीक भी बन गया, जो सरकार की एकता, मजबूती और देश की प्रगति के प्रति उनके सामूहिक समर्पण को दर्शाता है।
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परेड के दौरान मंत्रीगण की उपस्थिति
गणतंत्र दिवस की परेड में आमतौर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और अन्य प्रमुख नेताओं की उपस्थिति रहती है, बता दे… इस बार की परेड में मोदी सरकार के सारे मंत्री भी एक साथ मंच पर खड़े हुए थे। यह दृश्य सभी के लिए हैरान करने वाला था, क्योंकि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। इस दृश्य ने यह संदेश दिया कि सरकार एकजुट है और सभी मंत्री एक साथ मिलकर देश की सेवा में समर्पित हैं।
मंत्रीगणों की एकजुटता ने यह भी दर्शाया कि, भारत की राजनीति में सामूहिक नेतृत्व का महत्व बढ़ रहा है। सरकार के सभी मंत्री, जो विभिन्न मंत्रालयों का संचालन करते हैं, इस मंच पर एकजुट होकर यह संदेश दे रहे थे कि वे सभी मिलकर देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं। यह एक राजनीतिक प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है, जो भारतीय राजनीति में एक नए दौर की शुरुआत का संकेत देता है।
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राजनीतिक और सामाजिक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों के साथ इस परेड में भाग लेकर यह साफ कर दिया कि उनकी सरकार में सामूहिकता और सहयोग का महत्व है। सरकार के सभी मंत्री, जिनमें रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे, सभी इस परेड के दौरान एक साथ खड़े हुए। यह उनके बीच आपसी विश्वास, एकजुटता और समर्पण का प्रतीक था।
साथ ही..इस दृश्य ने यह भी सिद्ध किया कि मोदी सरकार की प्राथमिकता केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों पर नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों पर है। देश की प्रगति के लिए एक साथ मिलकर काम करना, यह संदेश देने का यह एक प्रभावी तरीका था। सरकार के विभिन्न मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान दे रहे हैं, लेकिन इस दृश्य ने यह दर्शाया कि वे सभी एक सामान्य उद्देश्य की ओर बढ़ रहे हैं, वह है भारत का विकास और कल्याण।

गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
गणतंत्र दिवस की परेड हमेशा से राष्ट्रीय एकता, अखंडता और विविधता में एकता का प्रतीक रही है। इस दिन देशभर के नागरिक अपनी विविधताओं के बावजूद एकजुट होकर अपनी मातृभूमि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। मोदी सरकार के मंत्रियों का एकसाथ खड़ा होना इस विचार को और भी मजबूती से प्रस्तुत करता है। यह न केवल देशवासियों के बीच एकता का प्रतीक था, बल्कि पूरे विश्व को यह संदेश दिया कि भारत एक मजबूत और सशक्त लोकतंत्र है, जिसमें एकजुटता और सहयोग की भावना सबसे महत्वपूर्ण है।

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मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
जब यह पल मीडिया में आया, तो लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर जमकर साझा किया और अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस घटना को लेकर अनेक प्रकार की चर्चाएँ हुईं। कुछ लोग इसे सरकार की सामूहिक ताकत के रूप में देख रहे थे, जबकि कुछ ने इसे एक राजनीतिक रणनीति के रूप में माना। हालांकि, अधिकतर प्रतिक्रियाएँ सकारात्मक ही रही। जनता ने इस दृश्य को भारतीय राजनीति में एक नई दिशा के रूप में देखा, जिसमें मंत्रीगण केवल अपने-अपने मंत्रालयों की जिम्मेदारी तक सीमित नहीं रहते, बल्कि एक साझा लक्ष्य के लिए काम करते हैं।

