भारत का गणतंत्र दिवस (Republic Day) हर साल 26 जनवरी को बड़ी धूमधाम और ध्वजारोहण के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान के लागू होने की खुशी में मनाया जाता है, और इस दिन दिल्ली के कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर आयोजित होने वाली परेड देश की शक्ति, संस्कृति और एकता का प्रतीक बनकर उभरती है। इस वर्ष भी, गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना और अन्य सुरक्षा बलों के शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता को भी दिखाया गया।

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एयरफोर्स का शौर्य
इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायुसेना ने अपने शक्ति और शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया। वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने आसमान में ‘व्योम कर्तव्य’ का अहसास दिलाया। सूर्यकिरण एरोबैटिक्स टीम ने अपनी शानदार फ्लाइट डिस्प्ले से आसमान में रंग-बिरंगी धारा छोड़ी। इन विमानों के साथ-साथ इंडियन एयरफोर्स की कई अन्य उड़ानें, जैसे कि मिग-29, सुखोई-30 और राफेल ने अपनी ताकत दिखाई। इन विमानों के अद्वितीय प्रदर्शन ने देशवासियों को गर्व से भरा, यह बताते हुए कि भारत की आकाशीय ताकत कितनी मजबूत है।

आर्मी की हुंकार
भारत की भूमि पर जहां एक ओर सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहर है, वहीं भारतीय सेना की शक्ति और समर्पण भी देश की रक्षा की रीढ़ बनकर खड़ी है। भारतीय सेना ने इस गणतंत्र दिवस परेड में अपनी ताकत और दक्षता का अद्वितीय उदाहरण पेश किया। सेना की परेड में विभिन्न डिवीजन और ब्रिगेड ने अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित किया। विशेष रूप से, सियाचिन ग्लेशियर, कश्मीर, और उत्तर-पूर्वी राज्यों में तैनात सैनिकों ने अपनी यूनिट्स के साथ मार्च किया, जो यह दर्शाते हैं कि भारतीय सेना हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा के लिए तत्पर रहती है।इसके साथ ही, भारतीय सेना के बैंड की संगीत ध्वनियों ने परेड को और भी रंगीन और आकर्षक बना दिया। भारतीय सैनिकों का साहस और निडरता देशवासियों के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरी।
संस्कृति की झलक
गणतंत्र दिवस की परेड सिर्फ सैन्य शक्ति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारत की विविधता और समृद्ध संस्कृति का भी जीवंत उदाहरण पेश करती है। इस वर्ष की परेड में विभिन्न राज्यों ने अपनी पारंपरिक पोशाकों, नृत्य और संगीत के माध्यम से भारत की विविधता को प्रदर्शित किया। महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, राजस्थान जैसे राज्यों ने अपनी लोक कला, संगीत और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रस्तुत किया, जो दर्शाता है कि भारत में विविधता में एकता है।

साथ ही, भारत के विभिन्न राज्यों की झांकियों ने अपने पारंपरिक हस्तशिल्प, कला, और सामाजिक पहलुओं को प्रदर्शित किया। विशेष रूप से, उत्तर-पूर्वी राज्यों की झांकियों ने वहां की सांस्कृतिक धारा और समृद्धि को दुनिया के सामने रखा। यह दिखाया गया कि भारत की विविधता ही उसकी ताकत है, और यह विविधता पूरे देश को एक सूत्र में बांधती है।
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भारत की ‘सुप्रीम पावर’
गणतंत्र दिवस की परेड में दिखे भारतीय सैनिकों, एयरफोर्स के विमानों और संस्कृति की विविधता से यह स्पष्ट होता है कि भारत का शक्ति प्रदर्शन सिर्फ सैन्य ताकत तक सीमित नहीं है। यह देश की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक शक्ति का एक समग्र प्रतिनिधित्व है। भारत की ‘सुप्रीम पावर’ सिर्फ उसकी भौतिक शक्ति में नहीं, बल्कि उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था, सांस्कृतिक समृद्धि और वैश्विक मंच पर उसकी उपस्थिति में भी छिपी हुई है।

भारत ने वैश्विक स्तर पर अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभाते हुए न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि समस्त विश्व के लिए एक मजबूत और सकारात्मक भूमिका निभाई है। भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य, सेना की प्रेरणा और वायुसेना की शक्ति ने इस परेड में भारत की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता को पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट किया।