Retail Inflation : मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत। देश में खुदरा मुद्रास्फीति दर घटकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई है। केंद्र सरकार ने सोमवार को आंकड़ों के साथ इसकी घोषणा की। भारतीय रिजर्व बैंक का मुद्रास्फीति दर को 4 प्रतिशत के भीतर रखने का लक्ष्य पिछले साल जुलाई में पूरा हो गया था। यह सिलसिला इस साल भी जारी रहा। केंद्र का दावा है कि पिछले छह सालों में सबसे कम मुद्रास्फीति दर पिछले जून में दर्ज की गई थी।
खुदरा मुद्रास्फीति में घटा
आज केंद्र के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस साल जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 2.1 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा, इस साल मई की तुलना में जून में CPI में 72 आधार अंकों की कमी आई है। पिछले साल जून में मुद्रास्फीति दर 5.08 प्रतिशत तक पहुँच गई थी, जिससे पूरे देश में चिंताएं बढ़ गई थीं। हालांकि, जुलाई में यह घटकर 3.54 प्रतिशत रह गई।
मुद्रास्फीति में कमी के कारण
केंद्र सरकार ने बताया है कि दालों, सब्जियों, मसालों, मछली और मांस, चीनी, मिठाई और डेयरी उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण जून 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति दर में यह गिरावट आई है। इन आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता से आम उपभोक्ता की जेब पर सकारात्मक असर पड़ा है।
छह सालों में सबसे कम
संयोग से जनवरी 2019 में खुदरा मुद्रास्फीति दर 1.97 प्रतिशत थी। जो पिछले छह सालों में सबसे कम था। केंद्र के अनुसार, दालों, सब्जियों, मसालों, मछली और मांस, चीनी, मिठाई और डेयरी उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण इस साल जून में खुदरा मुद्रास्फीति दर गिरकर 2.1 प्रतिशत हो गई।
खुदरा मुद्रास्फीति दर में आई यह कमी भारत के मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत है, जिससे उनके खर्च में संतुलन बना रहेगा और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। सरकार और RBI की नीतियों का यह सकारात्मक परिणाम आम जनता के लिए खुशखबरी साबित हो रहा है।
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