Rishi Panchami 2025: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन ऋषि पंचमी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि महिलाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
इस व्रत का महत्व कई धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है, ये व्रत केवल वही महिलाएं करती हैं, जो रजस्वला होती है यानी जिनके पीरियड्स आते हैं। इस बार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 2 दिन रहेगी। जिसके चलते इस व्रत की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है, तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा ऋषि पंचमी की तारीख और इससे जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
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ऋषि पंचमी की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 27 अगस्त दिन बुधवार की दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से आरंभ हो रही है, जो कि 28 अगस्त दिन गुरुवार की शाम 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। पंचमी तिथि का सूर्योदय 28 अगस्त को होगा, इसलिए इसी दिन ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाएगा।
क्यों करते हैं ऋशि पंचमी व्रत?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महिलाएं जब मासिक धर्म में होती हैं, तो इस दौरान उनसे जाने अनजाने में कई सारे पाप या गलत काम हो जाते हैं इन पापों का फल महिलाओं को भोगना न पड़े। इसलिए ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऋषि पंचमी का व्रत और पूजा करने से मासिक धर्म में हुए सभी पापों का प्रायश्चित हो जाता है। इसलिए ये व्रत केवल महिलाएं ही करती हैं वो भी जिन्हें मासिक धर्म होता है।
आपको बता दें कि ऋषि पंचमी के व्रत में महिलाओं द्वारा सप्त ऋषियों की पूजा अर्चना की जाती है इन सप्त ऋषियों को बेहद ही पवित्र माना जाता है। जिनमें वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज शामिल हैं।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

