Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग से पहले ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को बड़ा झटका लगा है। मधुबनी जिले के आरजेडी प्रभारी और प्रदेश महासचिव अनिसुर रहमान ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस फैसले ने पार्टी में हल मचा दी है और राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलों को जन्म दे दिया है।
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टिकट बंटवारे से नाराजगी या कुछ और?
अनिसुर रहमान का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब चुनावी माहौल पूरे जोर पर है और आरजेडी अपने प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने में जुटी है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या अनिसुर रहमान टिकट की मांग कर रहे थे? या फिर पार्टी ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारने से इनकार कर दिया?
बताया जा रहा है कि दरभंगा जिले की केवटी विधानसभा सीट से अनिसुर रहमान के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी। उन्होंने क्षेत्र में जनसंपर्क, भ्रमण और संवाद कार्यक्रम भी शुरू कर दिए थे। इससे यह संकेत मिल रहे थे कि वे चुनाव की गंभीर तैयारी में थे। ऐसे में उनका पद से इस्तीफा देना यह दर्शाता है कि टिकट न मिलने की संभावना से वे नाराज़ हो सकते हैं।
पार्टी में लंबे समय से सक्रिय
अनिसुर रहमान का राजनीतिक सफर काफी सक्रिय और सामाजिक तौर पर जुड़ा रहा है। वे NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के महासचिव भी रह चुके हैं और लंबे समय से आरजेडी से जुड़े हुए हैं। मधुबनी और आसपास के क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। विशेषकर युवाओं के बीच उनकी छवि एक प्रगतिशील और सक्रिय नेता की रही है।
वे सिर्फ राजनीतिक नेता ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वे ‘द स्पिरिट फाउंडेशन’ नामक सामाजिक और शैक्षिक संगठन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने शिक्षा, सामाजिक न्याय और युवाओं के उत्थान से जुड़े कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। ‘अंबेडकर परिचर्चा’ जैसे आयोजनों के माध्यम से छात्रों को सम्मानित करना और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाना उनके काम का हिस्सा रहा है।
चुनावी समीकरणों पर असर संभव
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे। 14 नवंबर को मतगणना होगी साथ ही परिणाम भी घोषित किए जाएंगे। ऐसे में अनिसुर रहमान का पार्टी छोड़ना आरजेडी के लिए राजनीतिक और रणनीतिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है, खासकर मधुबनी और दरभंगा क्षेत्र में, जहां वे सामाजिक और राजनीतिक रूप से मजबूत पकड़ रखते हैं।
उनके इस्तीफे से आरजेडी को उम्मीदवार चयन और प्रचार रणनीति में फेरबदल करना पड़ सकता है। साथ ही यह भी देखना दिलचस्प होगा कि अनिसुर रहमान आगे किस दल की ओर रुख करते हैं या स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरते हैं।
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